यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नामित अधिकारी को शुक्रवार को तलब किया। हाईकोर्ट ने सवाल किया कि प्रतिबंधित ‘चीनी लहसुन’ अब भी बाजार में कैसे उपलब्ध है?
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र के वकील से देश में ऐसी वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए मौजूद सटीक व्यवस्था के बारे में भी प्रश्न किया है और यह भी पूछा है कि इसके प्रवेश के स्रोत का पता लगाने के लिए क्या कोई कवायद की गई है?
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला की पीठ ने वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पीआईएल पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ‘चीनी लहसुन’ के हानिकारक प्रभाव होते हैं, जिसकी वजह से देश में इस पर प्रतिबंध है। कोर्ट को बताया गया कि प्रतिबंध के बावजूद लखनऊ सहित पूरे देश में ऐसा लहसुन आसानी से उपलब्ध है। याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष आधा किलो ‘चीनी लहसुन’ के साथ सामान्य लहसुन भी पेश किया।
लहसुन खरीदने के वक्त ध्यान रखें कि लहसुन की गांठ का साइज छोटा हो, क्योंकि देसी लहसुन, चाइनीज गार्लिक के मुकाबले कुछ छोटा दिखता है। देसी लहसुन की कलियां या तुरी बारीक और पतली होती हैं, चाइनीज लहसुन की कलियां खिली हुईं और मोटी नजर आएंगी। दोनों के रंग में अंतर होता है। चाइनीज लहसुन कैमिकल्स के इस्तेमाल से तैयार किया जाता है, इसमें सिंथेटिक प्रोसेस यूज होता है। यह एकदम सफेद, साफ और चमकदार नजर आएगा। देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए सफेद लहसुन होता है।