यूपी80 न्यूज, लखनऊ
लोकसभा चुनाव 2024 में लक्ष्य से चूकी बीजेपी का अभी एक और इम्तिहान बाकी है। यह परीक्षा विधानसभा सीटों पर शीघ्र होने वाले उपचुनावों में होगी। सरकार से लेकर संगठन तक एक बार फिर कसौटी पर होगा। समाजवादी पार्टी अपने छह बागी विधायकों की सदस्यता खत्म कराने में सफल रही तो 16 सीटों पर उपचुनाव होंगे। इनमें 11 सीटें अभी सपा के पास हैं। एनडीए के पांच विधायक सांसद बन चुके हैं, जिनमें चार भाजपा के हैं। सपा के अखिलेश यादव सहित चार विधायक सांसद चुने गए हैं।
अट्ठारहवीं लोकसभा चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन से 14 विधायक मैदान में थे। इनमें नौ विधायक सांसद बन चुके हैं। भाजपा और एनडीए से जीतने वालों में अलीगढ़ की खैर सीट से विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि, गाजियाबाद से विधायक अतुल गर्ग, फूलपुर से प्रवीन पटेल और मझवां से भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के विधायक विनोद बिंद के अलावा रालोद के मीरापुर से विधायक चंदन चौहान अब बिजनौर के सांसद बन गए हैं।

सपा से करहल के विधायक और सपा मुखिया अखिलेश यादव, मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से विधायक जियार्उरहमान बर्क, मिल्कीपुर से विधायक अवधेश प्रसाद और कटेहरी से सपा विधायक लालजी वर्मा लोकसभा पहुंच गए हैं। इनके अलावा कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी को सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधायक भी खतरे में है। ऐसे में उस सीट पर भी उपचुनाव होंगे।

वहीं, सपा अपने छह विधायकों की सदस्यता खत्म कराना चाहती है। इनमें मनोज पांडेय, राकेश पांडेय, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, विनोद चर्तुवेदी, पूजा पाल शामिल हैं। इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में तो सपा से बगावत कर भाजपा की मदद कर दी मगर लोकसभा चुनाव में ये कारगर नहीं साबित हुए। अब इन विधायकों की सियासत पर फिलहाल असमंजस के बादल हैं। यदि अखिलेश यादव जैसा कह रहे हैं, उसे अमलीजामा पहनाते हैं तो इन विधायकों की सीटों पर भी अगले छह माह के भीतर उपचुनाव कराने होंगे। यदि उन सीटों पर भाजपा इन्हीं विधायकों को प्रत्याशी बनाती है तो इनमें से कौन-कौन अपनी सीट बचाने में कामयाब हो पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
लोकसभा चुनाव के साथ हुये उपचुनाव में भाजपा ने एक सीट गंवाई। लोकसभा के साथ प्रदेश की चार विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए थे। इनमें से तीन सीटें भाजपा और एक सपा के पास थी। उपचुनावों में सपा ने एक सीट भाजपा से छीन ली। लखनऊ की पूर्वी, शाहजहांपुर की ददरौल और सोनभद्र की दुद्धी सीटें भाजपा के पास थीं, बलरामपुर की गैंसड़ी सीट सपा के खाते में थी। उपचुनावों में गैंसड़ी फिर जीतने के साथ सपा ने दुद्धी सीट भाजपा से छीन ली थी। भाजपा और सपा को दो- दो सीटें मिली थीं।