यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी व्यक्ति की विधायकी दो बार रद्द हुई है। सपा के कद्दावर नेता आजम खान Azam Khan के बेटे अब्दुल्ला आजम Abdullah Azam Khan की पिछले तीन साल के दौरान दो बार विधानसभा की सदस्यता रद्द हो चुकी है।
अब्दुल्ला आजम पहली बार 2017 में रामपुर Rampur की स्वार टांडा Swar Tanda सीट से भारी मतों के अंतर से विधायक निर्वाचित हुए थे। उस दौरान उनके खिलाफ शिकायत की गई थी कि 2017 में नामाकंन के दौरान अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल से कम थी। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को निरस्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली थी।
इसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव में रामपुर की स्वार टांडा से अब्दुल्ला आजम दूसरी बार फिर विधायक निर्वाचित हुए। यहां से उन्होंने भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के प्रत्याशी को हराया था। लेकिन चुनाव जीतने के महज 11 महीने के अंदर दोबारा उनकी विधायकी चली गई। इस बार मुरादाबाद की अदालत द्वारा एक मामले में दो साल की सजा सुनाने की वजह से उनकी विधायकी गई है। इससे पहले आजम खान की भी रामपुर सदर सीट से विधायकी जा चुकी है।
इस मामले में गई विधायकी:
रामपुर के पूर्व विधायक आजम खान अपने परिवार के साथ 2 जनवरी 2008 को मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने आजम खान की गाड़ी रुकवा ली थी। इसके विरोध में आजम खान अपने पुत्र अब्दुल्ला आजम के साथ धरने पर बैठ गए थे। इसकी जानकारी मिलते ही आसपास के सपा समर्थक भी इकट्ठा हो गए थे। आजम खान पर आरोप लगा कि उन्होंने आम जनता को उकसा कर सड़क जाम किया था और बवाल किया था। इस मामले में आजम खां और अब्दुल्ला आजम को 2-2 साल की सजा एवं तीन-तीन हजार रुपए का जुर्माना लगा है।