एमके स्टालिन, सोनिया गांधी, तेजस्वी यादव, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर, ओम प्रकाश राजभर ने प्रमुखता से आवाज उठायी
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
लोकतंत्र में विपक्ष और सामाजिक संगठनों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। मेडिकल एंट्रेंस नीट में ओबीसी का आल इंडिया कोटा लागू करवाने में विपक्ष की मुख्य पार्टी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण, सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर के अलावा ओबीसी महासभा, भारतीय कुर्मी महासभा जैसे सामाजिक संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
नीट में ओबीसी का आल इंडिया कोटा लागू करवाने के लिए पिछले साल द्रमुक नेता एवं वर्तमान में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी। इनके अलावा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।

इस साल नीट का एक्जाम डेट घोषित होने के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने बार-बार आवाज उठाया। उनके समर्थकों ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने, राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया एवं आंदोलन की चेतावनी दी। सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों इस मुद्दे को बार-बार उठाया।
सामाजिक संगठनों की विशेष भूमिका:
ओबीसी महासभा ने इस मामले में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार में देश के प्रमुख प्रबुद्ध लोगों को शामिल किया गया। इसके अलावा बुधवार को ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने भोपाल में मुख्यमंत्री के आवास का घेराव किया। इस दौरान लाठीचार्ज में कई पदाधिकारियों को चोटें आई। इसके अलावा भारतीय कुर्मी महासभा ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। इन संगठनों के बार-बार आवाज उठाने से केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव पड़ा। राजग के ओबीसी मंत्रियों ने बुधवार को पीएम मोदी से मुलाकात की और गुरुवार को सरकार ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया।