युवा अपनी मांगों पर अड़े, 5 साल संविदा वाली प्रस्तावित नई सेवा नियमावली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं युवा
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर रोजगार मुद्दे पर देश के युवाओं द्वारा भरे गए हुंकार से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बैकफुट पर आ गई है। बेरोजगार युवाओं द्वारा ‘जुमला दिवस’ और ‘राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस’ मनाए जाने के महज 12 के अंदर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी विभागों की रिक्तियों को अगले 6 महीने में भरने की घोषणा की है। बावजूद इसके युवाओं में योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित 5 साल संविदा जैसी नई सेवा नियमावली को लेकर गहरी नाराजगी है। युवा हर हाल में समूह ख एवं समूह ग में 5 साल संविदा वाली प्रस्तावित नई सेवा नियम को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को घोषणा की,
“ सभी विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के लिए विभागों को रिक्तियों के आंकड़े कल तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता हमारी नीति है और इसे प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाएगा। ”
सीएम योगी ने दूसरे ट्वीट में कहा है,
“हमारे युवा साथियों में प्रतिभा है, क्षमता है, मेधा है। वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार सभी को बिना भेदभाव के समान अवसर उपलब्ध करा रही है। सभी विभागों में रिक्त पदों पर चयन की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी। हमारा प्रयास है कि आगामी 6 माह में सभी विभागों में चयन प्रक्रिया को संपन्न करा लिया जाए। ”
अपनी मांगों पर अड़े युवा:
उधर, युवा हल्ला बोल के नेतृत्व में प्रदेश के युवा अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम कहते हैं कि योगी सरकार द्वारा नौकरियों में पंचवर्षीय संविदा भर्ती की योजना बेरोजगार युवाओं के साथ घटिया मजाक है, घाव पर नमक छिड़कने जैसा है। भाजपा चाहती है कि जनता के ऊपर हमेशा तलवार लटकी रहे, ताकि लोग हर शोषण और अत्याचार को चुपचाप बर्दाश्त करते जाएं।
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युवा हल्ला बोल के नेशनल कोऑर्डिनेटर गोविंद मिश्रा कहते हैं,
“अगर ये भी जुमला न साबित हुआ तो यूपी के प्रतियोगी छात्रों के लिए अच्छी खबर। लेकिन संविदा वाले मुद्दे पर हमें लड़ाई जारी रखनी है। लड़ेंगे-जीतेंगे।”
रजत राज शर्मा कहते हैं,
“ संविदा पर नौकर करने का मतलब है कि समय समय पर संबंधित अधिकारियों की जेब भरना और हर पल नौकरी पर खतरे की तलवार लटकी रहना! ये संविदा नहीं हम सब के लिए अभिशाप है। ”
इसी तरह श्वेता सोनकर लिखती हैं, “संविदा के नाम पर उत्तर प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी से वंचित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश का युवा यह अन्याय नहीं सहेगा।”
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