यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
योग गुरु बाबा रामदेव के शरबत जिहाद वाले बयान पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। अदालत ने रामदेव की विवादित टिप्पणी पर उन्हें फटकार लगाई है।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कड़ा आदेश जारी करने की चेतावनी देते हुए कहा कि इससे न्यायालय की अंतरात्मा को आघात पहुंचा है, इसका कोई औचित्य नहीं था। रामदेव की विवादित टिप्पणी के खिलाफ शरबत ब्रांड हमदर्द कंपनी ने अदालत का रूख किया था।
बता दें कि योग गुरु बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को अपने शरबत ब्रांड का प्रचार करते हुए हमदर्द कंपनी के शरबत पर विवादित टिप्पणी की थी।
हमदर्द के वकील ने अदालत को बताया कि हाल ही में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि हमदर्द के रूह आफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया। हमदर्द का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मामला अपमान से परे है और यह ‘सांप्रदायिक विभाजन’ पैदा करने का मामला है। उन्होंने कहा कि देश में पहले ही काफी समस्याएं हैं और इसे एक पल के लिए भी अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
रामदेव के बयान की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। रामदेव ने कहा था,
“अगर आप वो शरबत पीएंगे तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे, और पतंजलि का शरबत पिएंगे तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा। पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा।”
वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘यह नफरत फैलाने वाला भाषण है। उनका कहना है कि यह शरबत जिहाद है। उन्हें अपना काम जारी रखना चाहिए। वह हमें क्यों परेशान कर रहे हैं?’ चूंकि रामदेव के लिए मामले पर बहस करने वाले वकील उपलब्ध नहीं थे, इसलिए अदालत कुछ समय बाद मामले पर फिर से विचार करेगी।