यूपी 80 न्यूज़, बाराबंकी
पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते सरयू नदी (घाघरा नदी) का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, अब बैराजों से भी पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है, तीन अलग- अलग बैराजों से सरयू नदी में पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिसकी वजह से नदी किनारे तराई क्षेत्र में बाढ़ का संकट बढ़ रहा है।
नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार करते हुए खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले के तीन तहसील से होकर गुजर रही सरयू नदी के किनारे तराई में बसे गांव में बाढ़ का संकट मडराने लगा है। हालांकि जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली है। जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से बचाव की सारी तैयारी कर ली गई है।
बाराबंकी जिले में बीते एक सप्ताह से लगातार रुक- रुक कर बारिश हो रही है। इसी बीच रविवार को तीन अलग- अलग बैराजों से पांच लाख क्यूसेक पानी सरयू नदी (घाघरा नदी) में छोड़े जाने से नदी का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगा है। नदी का पानी चेतावनी बिंदु को पार करते हुए खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। रविवार शाम जलस्तर लाल निशान से कुछ सेमी ही नीचे था, जलस्तर प्रति घंटे बढ़ रहा है। इससे जिले की तीन रामनगर, सिरौली गौसपुर व रामसनेही घाट तहसील क्षेत्र से होकर गुजरी सरयू नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों में हड़कंप है।
बता दें कि हर साल रामनगर, सिरौली गौसपुर व रामसनेही घाट तहसील क्षेत्र में सरयू नदी किनारे बसे तराई क्षेत्र के करीब 100 से 150 गांव नदी के निशाने पर रहते हैं। बीते एक सप्ताह से नदी का पानी घट- बढ़ रहा है, जिससे सिरौली गौसपुर तहसील क्षेत्र के कुछ गांवों में कटान हो रही है।
बाराबंकी जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जिले में तीन तहसील है, जिनके किनारे घाघरा नदी का प्रकोप रहता है। इसके लिए बंधे बने हुए हैं। तीन माह से हम लोग बंधों के मेंटेनेंस का काम देख रहे हैं। डीएम ने बताया कि जब नदी का जलस्तर बढ़ जाता है तो कुछ गांव की आबादी भी प्रभावित होती है, इसके लिए सारे प्रबंध होते हैं। सारी चीजों की व्यवस्थाएं की जाती हैं। बाढ़ की हमारी सारी तैयारियां सही से चल रही हैं। हमारे पास बाढ़ राहत सामग्री भी उपलब्ध है, जिस प्रकार से आवश्यकता पड़ेगी उस प्रकार से कार्रवाई की जाएगी।