यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
“हमें खेत की सिंचाई नहीं बल्कि फसल की सिंचाई करनी है, जिसके लिए पानी की हर एक बूंद का उपयोग करना है।” अध्यक्ष एवं प्रशासक ग्रेटर शारदा के प्रशासक डॉ हीरा लाल ने शुक्रवार को रिवुलिस इरीगेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ग्रेटर शारदा सहायक समादेश विकास प्राधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा “कमांड एरिया डेवलपमेंट थ्रू माइक्रो-इरीगेशन” पर लखनऊ के एक होटल में आयोजित एक तकनीकी कार्यशाला के दौरान यह विचार व्यक्त किया।
कार्यशाला को प्रारम्भ करते हुए डॉ योगेश बंधु स्टेट कोऑर्डिनेटर, वर्ल्ड बैंक द्वारा माइक्रो-इरीगेशन से सम्बंधित समस्त प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया। कार्यशाला में राजीव यादव अपर आयुक्त ग्रेटर शारदा सहायक परियोजना द्वारा माइक्रो-इरीगेशन की आवयश्कता को फसल उत्पादन में अनिवार्य बताते हुए जल संरक्षण करने पर जोर दिया। डॉ हीरा लाल अध्यक्ष एवं प्रशासक ग्रेटर शारदा द्वारा लोगो से जलवायु परिवर्तन पर सोच विकसित करने और जल संरक्षण पर कार्य करने की अपील की गई। उन्होंने कम पानी में अधिक फसल अधिक सिंचाई पर जोर दिया। डॉ हीरा लाल ने आये हुए समस्त माइक्रो-इरीगेशन के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे एक-एक गांव को गोद ले और वहां पर माइक्रो-इरीगेशन की पद्धति को अपना कर एक मॉडल प्रस्तुत करे, जिससे प्रेरित होकर अन्य गांव के लोग भी इस पद्धति को अपना कर जल संरक्षण की दिशा में अपना प्रयास कर सके। कार्यशाला में बोलते हुए प्रोफेसर मान सिंह रिटायर्ड प्रोजेक्ट डायरेक्टर वाटर टेक्नोलॉजी सेंटर नई दिल्ली द्वारा ड्रिप इरीगेशन को सबसे श्रेष्ठ माइक्रो-इरीगेशन का तरीका बताया।
उन्होंने बताया कि विगत कई दशकों के प्रयोग से यह सिद्ध हुआ है कि ड्रिप इरीगेशन प्रणाली से सभी देसी व विदेशी साग- सब्जियों की खेती में 50% तक पानी का बचाव हुआ है तथा फसल उत्पादन में 2 से 3 गुना वृद्धि हुई है।