• About
  • Advertise
  • Contact
Tuesday, July 1, 2025
UP80
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
UP80
No Result
View All Result
Home अन्य राज्य

कहीं आप अपने बच्चे के जीवन से खिलवाड़ तो नहीं कर रहे हैं? कोटा में इस साल अब तक 25 बच्चों ने की आत्महत्या

कोटा के पास कामयाबी की भले ही कितनी ही चाबियां हों, लेकिन दम तोड़ते बच्चों की जिंदगी बचाने वाला फिलहाल कोई ताला नहीं है

up80.online by up80.online
September 27, 2023
in अन्य राज्य, दिल्ली, देश, बड़ी खबर, बिहार, यूपी
0
कोटा

कोटा के कोचिंग संस्थान

0
SHARES
Share on FacebookShare on TwitterLinkedinWhatsappTelegramEmail

आशीष कुमार उमराव, कोटा

केस 1:

इसी महीने 18 सितंबर को मऊ की रहने वाली एक छात्रा ने जहर खाकर जान दे दी।

केस 2:

पिछले महीने 10 अगस्त को यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले मनीष प्रजापति ने हॉस्टल में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मनीष पिछले 6 महीने से कोटा में जेईई की तैयारी कर रहा था।

केस 3:

बिहार का रहने वाला वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ पिछले साल जुलाई 2022 में कोटा आया था। उसने 16 अगस्त को कमरे की खिड़की से लटक कर सुसाइड कर लिया।

केस 4:

महाराष्ट्र के छात्र अविष्कार संभाजी ने 28 अगस्त को कोटा में आत्महत्या कर लिया। संभाजी टेस्ट देकर कोचिंग की छठी मंजिल से कूद गया था।

राजस्थान का कोटा वो जगह है, जहां इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देशभर से हर साल लगभग दो लाख छात्र-छात्राएं आते हैं।

जनवरी से लेकर अब तक कोटा में सुसाइड के 25 केस सामने आ चुके हैं। अगस्त महीने में ही 6 स्टूडेंट की जान गई है। इन 25 में से सात बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें कोचिंग में दाखिला लिए छह महीने भी पूरे नहीं हुए थे। कोटा में औसतन हर महीने तीन छात्र खुदकुशी कर रहे हैं। साल 2022 में 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी। यहां 2015 से 2019 के बीच 80 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया है।

सोचिए, ये बच्चे क्या झेल रहे होंगे। हर वर्ष उत्तरप्रदेश और बिहार के हज़ारों छात्र इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर कोटा जाते हैं, कोटा के पास कामयाबी की भले ही कितनी ही चाबियां हों, लेकिन दम तोड़ते बच्चों की जिंदगी बचाने वाला कोई ताला नहीं है।

टेस्ट में कम नंबर बन रहे सुसाइड की वजह:

कोटा हमेशा उन टॉपर्स के लिए खबर बनता है, जो वहां ट्यूशन लेकर इंजीनियरिंग और मेडिकल के इम्तेहान पास करते हैं। इस ड्रीम फैक्ट्री में तनाव और असफलता के डर से जूझ रहे बच्चों को गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिसकी वजह से ये बच्चे हताश होकर खुद की जिंदगी खत्म करने जैसा कदम उठाते हैं।

अब सवाल है कि बच्चे अपनी जिंदगी खत्म क्यों कर रहे हैं? ऐसी क्या बात है जो उन्हें अंदर ही अंदर कचोटती है? जवाब है पढ़ाई का प्रैशर, इंजीनियर-डॉक्टर बनने का सपना। जिसे पूरा करने के लिए कोचिंग में दाखिला लेते हैं, लेकिन टेस्ट में कम नंबर डिप्रेशन की तरफ धकेल देते हैं।

माता-पिता की महत्वाकांक्षाएं भी बच्चों के जीवन को कर रही हैं बर्बाद:

कई अभिभावक तो अपनी जिंदगी के अधूरे ख्वाबों का बोझ भी इन बच्चों पर डाल देते हैं और फिर कोटा की कोचिग संस्थाएं खुद इन सपनों को और बढ़ा चढ़ाकर बेचती हैं। कामयाबी और शोहरत से जुड़े होर्डिंग्स सपनों की इस होड़ को एक अंधी दौड़ में बदल देते हैं। ऐसी अंधी दौड़, जिसमें मुनाफा तो कोचिंग संस्थाओं का होता है और दबाव आ जाता है कम उम्र के नाजुक दिलोदिमाग पर।

रेस में पिछड़े बच्चों की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है:

कोटा में जब कोचिंग शुरू हुई, तो एक पैटर्न था कि बच्चा अपनी स्कूलिंग पूरी करता था, उसके बाद वह कोचिंग में एडमीशन लेता था। उसके लिए उसका एक प्रिलिमिनरी एडमीशन टेस्ट होता था।  जो बच्चे योग्य पाए जाते थे, उन्हीं को आगे कोचिंग जारी रखी जाती थी और जो उस स्टेज में नहीं होते थे उनको कह दिया जाता था कि आपकी इस क्षेत्र में ज्यादा संभावनाएं नहीं हैं, आप किसी और क्षेत्र में जाएं। धीरे-धीरे इसने एक इंडस्ट्री का रूप ले लिया। अब हालात यह है कि कोई भी बच्चा जो आना चाहे आ जाए। उल्टा कोचिंग सेंटर खुद लोगों को इनवाइट करते हैं, फोन करते हैं।

कोटा में कामयाबी हासिल करने की इस अंधी दौड़ का एक डरावना पहलू भी है। सफलता की होड़ में जो बच्चे किसी भी वजह से पिछड़ जाते हैं उन पर किसी का ध्यान नहीं जाता। इनमें से कई बच्चे तो इतना तनाव ले लेते हैं कि इसके आगे उन्हें अपनी जान तक हल्की लगने लगती है। एक तो जेईई और नीट जैसे मुश्किल इम्तिहानों का तनाव, ऊपर से कोटा में पढ़ाई का भारी खर्च..कई माता-पिता कर्ज लेकर बच्चों को यहां पढ़ने के लिए भेजते हैं और ऐसे बच्चों के दिलोदिमाग पर कहीं न कहीं यह दबाव भी लगातार बना रहता है, भले माता-पिता उनसे यह बात करें या न करें।

कोटा में पढ़ाई का यह तनाव लंबा होता है। 13 से 18 साल के बच्चे यहां सालों साल तैयारी के लिए आते हैं। कोई बच्चा एक दिन भी बीमार पड़ जाए तो कोर्स में पीछे छूट जाता है और फिर उसकी भरपाई उसके लिए मुश्किल हो जाती है।

लगातार पढ़ाई की चक्की बच्चों के दिमाग में भरती है तनाव:

बच्चों का दिन बहुत व्यस्त होता है। सुबह साढ़े छह बजे से क्लास, उसके बाद थोड़ा आराम और फिर पढ़ाई। रविवार को टेस्ट और फिर पढ़ाई। लगातार पढ़ाई की यह चक्की बच्चों के दिमाग में एक तनाव भरती जाती है, जिस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता।

आत्महत्या का जिम्मेदार कौन है? क्यों नहीं इसका परमानेंट सॉल्यूशन तलाशा जाना चाहिए?

अभिभावकों को चाहिए अपने बच्चों को उनकी क्षमताओं के हिसाब से सही कैरियर का चुनाव करना चाहिए, किसी भी दिखावे में आकर अपने बच्चों पर डॉक्टर या इंजीनियर बनने का दबाव डालना गलत है, उत्तरप्रदेश एवं बिहार के छात्र अपने नजदीकी शहर में रहकर अभिभावक की देखरेख में भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी आसानी से कर सकते हैं अब उनको किसी और दूर शहर में जाने की जरुरत क्या है, अभिभावकों को चाहिए कैरियर का चुनाव करते समय किसी अच्छे कैरियर कॉउंसलर से सलाह लें, जिससे बच्चों को उनकी रूचि के हिसाब से सही कैरियर का चयन करने में आसानी होगी!

career mentor
आशीष कुमार उमराव, एकेडमिक एंड कैरियर मेंटर

आशीष कु. उमराव

एकेडमिक & कैरियर एक्सपर्ट,

कैरियर कॉउंसलर, मोटीवेटर, स्पीकर

LIC
एलआईसी स्कीम
Previous Post

‘मुफ्त शिक्षा का अधिकार’ कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रामपाल सिंह नहीं रहे, शिक्षा जगत में शोक

Next Post

घोसी फतह में अहम भूमिका निभाने वाली नेत्रियों व पदाधिकारियों का सपा प्रमुख ने किया अभिनंदन

up80.online

up80.online

Related Posts

शरबत
यूपी

चौधरी चरण सिंह तिराहे पर शरबत सेवा शिविर का आयोजन, राहगीरों को मिली राहत

June 29, 2025
Yamuna river
अन्य राज्य

यमुना नदी के लिए दर-दर भिक्षा मांग रहे देवरिया के ‘लाल’ रविशंकर तिवारी

June 28, 2025
विदेश नीति
देश

विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई- शाहनवाज आलम

June 29, 2025
Next Post
नवरत्न यादव

घोसी फतह में अहम भूमिका निभाने वाली नेत्रियों व पदाधिकारियों का सपा प्रमुख ने किया अभिनंदन

पॉवर प्लांट

पावर कारपोरेशन में संविदा कर्मियों का हो रहा है शोषण!

बेटियां

सुविधाओं के अभाव के बावजूद बलिया की ये 5 बेटियां जनपद का नाम कर रही हैं रौशन

Recommended

विदेश नीति

विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई- शाहनवाज आलम

4 days ago
VP Singh

भूदान यज्ञ में जननायक वीपी सिंह ने अपनी 30 हजार बीघा जमीन दान कर दी थी

5 years ago
उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

6 days ago
शरबत

चौधरी चरण सिंह तिराहे पर शरबत सेवा शिविर का आयोजन, राहगीरों को मिली राहत

2 days ago

Categories

  • अखिलेश यादव
  • अन्य राज्य
  • तेजस्वी यादव
  • दिल्ली
  • देश
  • बड़ी खबर
  • बिहार
  • यूपी
  • यूपी विधानसभा चुनाव
  • राजद
  • राजनीति
  • विदेश
  • सपा

Topics

Akhilesh Yadav Anupriya Patel Apna Dal (S) Azamgarh Ballia Belthra Road bihar bjp BSP Congress death farmers Mirzapur Samajwadi Party Sonbhadra Uttar Pradesh Varanasi yogi govt अखिलेश यादव अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) आजमगढ़ उत्तर प्रदेश ओबीसी कांग्रेस किसान किसान आंदोलन केशव प्रसाद मौर्य कोरोना नीतीश कुमार पंचायत चुनाव बलिया बसपा बिहार बीजेपी बेल्थरा रोड भाजपा मायावती मिर्जापुर योगी सरकार वाराणसी सपा समाजवादी पार्टी सीएम योगी सोनभद्र

Highlights

सबसे बड़ा गुंडा कौन-ओमप्रकाश राजभर या कोई और?

प्रदेश में “सब चंगा” नहीं है, ओबीसी छात्रों को नहीं मिल रही है छात्रवृत्ति

डॉ.सोनेलाल पटेल की बेटी सहित इन चार महिला नेताओं का प्रदेश में जलवा

बसपा सुप्रीमो ने भतीजे आकाश आनंद को दी फिर बड़ी जिम्मेदारी

शादीशुदा बेटियों को मिलेगा पैतृक जमीन में हिस्सा?

प्रतापगढ़: मजदूरी मांगने पर मजदूर धर्मराज पटेल की हत्या

Trending

शरबत
यूपी

चौधरी चरण सिंह तिराहे पर शरबत सेवा शिविर का आयोजन, राहगीरों को मिली राहत

by up80.online
June 29, 2025
0

यूपी80 न्यूज, बेल्थरा रोड बलिया जनपद के बेल्थरा रोड में गर्मी से राहत देने के उद्देश्य से...

Yamuna river

यमुना नदी के लिए दर-दर भिक्षा मांग रहे देवरिया के ‘लाल’ रविशंकर तिवारी

June 28, 2025
विदेश नीति

विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई- शाहनवाज आलम

June 29, 2025
शाहूजी महाराज जयंती पर अखिलेश यादव ने लिया यह संकल्प

शाहूजी महाराज जयंती पर अखिलेश यादव ने लिया यह संकल्प

June 27, 2025
उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

June 25, 2025

About Us

लोकतांत्रिक देश में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। मीडिया का मुख्य कार्य जनसरोकार से जुड़ी खबरों को आम जनता तक पहुंचाना है, ताकि आम जनता उन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सके। इसके अलावा सरकार की किसी भी योजना का आम जनता को कितना लाभ मिल रहा है, उसके जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में आम जनता की समस्याओं का निराकरण कैसे करते हैं। लोकतंत्रिक देश में जनप्रतिनिधि अपनी जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं। ये सभी जानकारी आपको www.up80.online पर मिलेंगी।

Follow us on social media:

Trending

चौधरी चरण सिंह तिराहे पर शरबत सेवा शिविर का आयोजन, राहगीरों को मिली राहत

यमुना नदी के लिए दर-दर भिक्षा मांग रहे देवरिया के ‘लाल’ रविशंकर तिवारी

विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई- शाहनवाज आलम

शाहूजी महाराज जयंती पर अखिलेश यादव ने लिया यह संकल्प

उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती पर कानपुर महासम्मेलन

Others Links

  • Contact
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • About
  • Advertise
  • Contact

Copyright © 2019 up80.online

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • राजनीति
  • विदेश
  • बिहार
  • यूपी
  • वीडियो
  • दिल्ली

Copyright © 2019 up80.online

error: Content is protected !!