गिरते ग्राफ को देखते हुए संगठन को चुस्त बनाने की रणनीति
लखनऊ, 27 अक्टूबर
लोकप्रियता में गिरावट को देखते हुए भाजपा ने अपने मंडल अध्यक्षों एवं जिलाध्यक्षों के चयन में सामाजिक न्याय को प्रमुखता से लागू करने की रणनीति बना रही है। उपचुनाव में वोट परसेंटेज में गिरावट एवं एक सीट खोने के बाद भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से संगठन को चुस्त करने की रणनीति बना रही है।
उपचुनाव के समापन के बाद भाजपा अब प्रदेश में मंडल अध्यक्ष और 98 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए रणनीति पर कार्य कर रही है। पार्टी मंडल एवं जिलाध्यक्षों के चयन में सामाजिक संतुलन को साधने की रणनीति बना रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के नेतृत्व में सबसे पहले मंडल अध्यक्षों का चुनाव किया जाएगा। तत्पश्चात जिलाध्यक्षों का चुनाव किया जाएगा। प्रदेश में फिलहाल 1918 संगठनात्मक मंडल हैं।
चुनाव के जरिए बूथ समितियों का गठन:
प्रदेश में 1 लाख 63 हजार बूथ हैं। पार्टी ने पहली बार बूथ समितियों का गठन किया है। हालांकि उपचुनाव की वजह से 6 हजार बूथों का गठन अभी बाकी है। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।