केके वर्मा, लखनऊ
उत्तर प्रदेश की सियासत में बदलाव के आसार तेज होते जा रहे हैं। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके बाद से कयासों का दौर शुरू है। सूत्रों की माने तो जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रमुख और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को दिल्ली बुलाया गया। यह राजनीतिक हलकों में संभावित बदलावों की ओर इशारा है। प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच हुई मंत्रणा के बाद दिल्ली में सन्नाटा बड़े सियासी फेरबदल से पहले की शांति मानी जा रही है।

फिलहाल उत्तर प्रदेश में पार्टी के शीर्ष स्तर पर बदलाव की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि राज्य के वरिष्ठ नेता को केंद्र में बड़ी भूमिका दी जा सकती है। राजा भैया की दिल्ली यात्रा भी इसी संदर्भ में देखी जा रही है। बीजेपी को जनसत्ता दल का समर्थन मिल सकता है और क्षत्रिय समुदाय की नाराजगी भी कम हो सकती है।
बता दें कि राजा भैया का राजनीतिक करियर करीब तीन दशक से अधिक है। 1993 और 1996 में वह बीजेपी समर्थित उम्मीदवार के रूप में विधानसभा पहुंचे, जबकि बाद के वर्षों में वे समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ते रहे। 1997 में कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव की सरकारों में मंत्री रहे। 1999 और 2000 में वे राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह सरकार में युवा कल्याण मंत्री रहे। 2004 में वे मुलायम सरकार में खाद्य एवं रसद विभाग के मंत्री रहे। 2012 में अखिलेश सरकार में भी वह मंत्री रहे। 2018 में उन्होंने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक बनाया। इस पार्टी के पास दो विधायक और एक एमएलसी हैं।
