तराई की 20 विधानसभा सीटों पर पड़ सकता है असर
लखनऊ, 4 जनवरी
तराई के कद्दावर नेता एवं बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रामप्रसाद चौधरी के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की चर्चा तेज है। तराई में चर्चा है कि रामप्रसाद चौधरी कभी भी अपने समर्थकों संग साइिकल पर सवार हो सकते हैं। रामप्रसाद चौधरी के शामिल होने पर तराई बेल्ट में समाजवादी पार्टी की जमीन मजबूत होगी।
बता दें कि दो महीने पहले रामप्रसाद चौधरी अपने चार पूर्व विधायकों संग बसपा से इस्तीफा दे दिया था। इनमें रामप्रसाद चौधरी के अलावा उनके भतीजे एवं पूर्व सांसद अरविंद चौधरी, बस्ती सदर से पूर्व विधायक नंदू चौधरी, रूधौली से पूर्व विधायक राजेंद्र प्रसाद चौधरी, महोदवा से पूर्व विधायक दूधराम एवं हरैया विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी विपिन शुक्ला शामिल थे।
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बता दें कि राम प्रसाद चौधरी बस्ती के कप्तानगंज से पांच बार विधायक रह चुके हैं। खलीलाबाद से सांसद भी चुने गए। वर्ष 2009 में इनका भतीजा अरविंद चौधरी बस्ती से सांसद चुना गया। तराई क्षेत्र के बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर के अलावा गोंडा व गोरखपुर मंडल में भी इनकी अच्छी पकड़ है। चुनाव के समय इन जनपदों में इनकी अपील का अच्छा असर होता है।
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सामाजिक चिंतक एवं हाईकोर्ट लखनऊ के अधिवक्ता नंद किशोर पटेल कहते हैं कि रामप्रसाद चौधरी बसपा सरकार के कद्दावर नेता रहे हैं। रामप्रसाद चौधरी कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के काफी नजदीक थें। बेनी प्रसाद वर्मा के बाद रामप्रसाद चौधरी दूसरे ऐसे कुर्मि नेता हैं, जिनकी तराई के पटेलों के अलावा समाज के अन्य वर्गों में भी अच्छी पैठ है। इनके शामिल होने पर निश्चित तौर पर तराई की लगभग 20 विधानसभा सीटों पर असर पड़ेगा।