कोरोना संकट: केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज में किसानों को नहीं किया गया शामिल, किसान संगठन नाराज
लखनऊ, 16 अप्रैल
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। संकट की इस घड़ी में किसानों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार 1.5 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दे। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने यह मांग की है। राकेश टिकैत ने कहा है कि कृषि कार्य हेतु किसानों को मनरेगा के माध्यम से श्रमिक उपलब्ध कराये जायें। खेतीहर मजदूरों को भी 1000 रुपए का लाभ दिया जाए, ताकि किसानों को आत्महत्या से बचाया जा सके।
केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज में किसानों को न शामिल किए जाने पर राकेश टिकैत ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने देश के किसानों से अपील की है कि अंतर्राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर 17 अप्रैल को सायं 5 बजे अपने कृषि यंत्रों को लेकर अपने आवास के गेट पर खड़े होकर फोटो खींचे और सोशल मीडिया के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व मीडिया के माध्यम से शेयर करें।
किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक कहते हैं कि वर्तमान में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व को पंगु बना दिया है। इन विकट एवं विपरीत परिस्थितियों में भी किसान दुनिया में करोड़ों लोगों तक भोजन पहुंचा रहा है। सरकार को चाहिए कि इस संकट से सीख लेकर किसानों की रक्षा की गारंटी सरकार को देनी चाहिए। आज किसानों के सामने नकदी का भारी संकट है। किसानों के पास न तो फसलों की कटाई के लिए पैसा है और न ही अगली फसल की बुआई के हेतु पर्याप्त साधन नहीं है। किसानों को दी गई छूट का पालन भी सरकारों द्वारा नहीं कराया जा रहा है।
यह भी पढ़िए: लॉकडाउन पार्ट टू: 20 अप्रैल से ये सेवाएं हो सकती हैं शुरू
किसानों के सामने आर्थिक संकट:
धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि किसान सम्मान निधि का दायरा केवल 30 परसेंट किसानों तक सीमित है। तमाम प्रतिबंधों के चलते किसानों को रबी की कटाई व खरीफ की बुआई प्रभावित हो रही है। महामारी के डर से किसानों को खेत में श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं। दूध, फल, सब्जियां आदि के दाम लगातार गिर रहे हैं। परिवहन की समस्या के कारण सब्जियां व फल खेतों में सड़ रहे हैं। फूल की मांग न होने के कारण फूलों को खेतों में नष्ट करना पड़ रहा है। मुर्गी पालक किसानों को मांग में कमी आने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
यह भी पढ़िए: अन्य जनपद में कम्बाईन हारवेस्टर ले जाने के लिए लेनी होगी मंजूरी