कभी दिल्ली की गलियों में मजदूरी करने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष Ajay Kumar Lallu, State President, Uttar Pradesh का एक पांव जनता के बीच तो दूसरा जेल में
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
देश के सबसे बड़े सूबा उत्तर प्रदेश में एक नेता ऐसा भी है, जिसका एक पांव आम जनता के बीच रहता है तो दूसरा पांव जेल में। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी Uttar Pradesh Congress Committee के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू Ajay Kumar Lallu की। जिन्होंने पिछले एक साल के कार्यकाल के दौरान लगभग 2 महीना जेल में बिताया। प्रदेश में आम जनता से जुड़े मामलों पर आवाज उठाने एवं प्रदर्शन में शामिल होने पर महज एक साल के दौरान अजय कुमार लल्लू Ajay Kumar Lallu को योगी सरकार Yogi Govt ने 23 बार गिरफ्तार किया।
अजय कुमार लल्लू कुशीनगर Kushinagar की तमकुही राज Tamkuhi Raj विधानसभा से दूसरी बार विधायक हैं। कभी दिल्ली के गलियारों में मजदूरी करने वाले अजय कुमार लल्लू पिछड़ी जाति OBC से आते हैं। उन्हें पिछले साल 7 अक्टूबर, 2019 में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। पिछले एक साल के दौरान अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के साथ दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, मिर्जापुर, हाथरस, प्रयागराज एवं आजमगढ़ में आयोजित विभिन्न बैठकों एवं कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
प्रदेश अध्यक्ष श्री लल्लू ने 5 नवंबर 2019 से सितंबर 2020 के बीच 60 से अधिक विरोध प्रदर्शनों, धरना, जूलूस इत्यादि कार्यक्रमों में भाग लिया। प्रदेश में हुई विभिन्न अप्रिय घटनाओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कांग्रेस पदाधिकारियों की 100 से अधिक प्रतिनिधिमंडल को घटनास्थल पर भेजा गया एवं पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की।
खुद अजय कुमार लल्लू ने रेप, हत्या, गैंगरेप के पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने, महामारियों, बाढ़ पीड़ित परिवारों का हालचाल, अतिवृष्टि एवं सूखे, आर्थिक तंगी से परेशान किसानों से मुलाकात के लिए दो दर्जन से ज्यादा दौरा कर पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की।
किसानों, मजदूरों सहित आम जनता से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आयोजित 30 धरना-प्रदर्शन में अजय कुमार लल्लू ने भाग लिया।
कोविड़ पीड़ितों की सहायता:
कोविड पीड़ितों की सहायता के लिए जनपदवार ‘त्वरित रिस्पांस टीम’ का गठन किया गया। विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए जिलावार हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए। जिलेवार कंट्रोल रूम स्थापित किए गए। श्रमिकों एवं जरूरतमंदों के लिए सांझी रसोई शुरू की गई।
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