अधिकारियों की मिलीभगत से संस्थान छात्रों के फर्जी एडमिशन का आंकड़ा दिखाते थे
लखनऊ, 6 अक्टूबर
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों के नि:शुल्क प्रवेश खत्म करने का फैसला किया है। हालांकि सरकार का दावा है कि इन छात्रों को बाद में नियमानुसार शुल्क की भरपाई की जाएगी।
योगी सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 2-3 लाख विद्यार्थी प्रभावित होंगे। अब इन्हें फीस जमा करनी होगी और बाद में शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि सरकार उनके खाते में भेजेगी।
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वर्ष 2002 में लागू हुआ था:
केंद्र सरकार ने वर्ष 2002-3 में इसे लागू किया था। इसे यूपी में भी लागू किया गया था। इस मद में बजट का अधिकांश हिस्सा केंद्र सरकार देती है।
वर्ष 2014-15 में प्रदेश सरकार ने एससी/एसटी छात्रों के नि:शुल्क प्रवेश के लिए सीटों की संख्या 40 परसेंट निर्धारित कर दी। हालांकि सरकारी व सहायता प्राप्त सरकारी संस्थानों में एससी-एसटी वर्ग के सभी छात्रों को निशुल्क प्रवेश मिलेगा।
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सरकार की दलील:
सरकार की दलील है कि स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से संस्थानों ने शुल्क भरपाई की रकम को लेकर फर्जी एडमिशन दिखाया, यह सिलसिला पिछले कई सालों से जारी था।