• About
  • Advertise
  • Contact
Monday, June 2, 2025
UP80
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
UP80
No Result
View All Result
Home बिहार

नीतीश, तेजस्वी या अखिलेश, किसका ‘सामाजिक न्याय का मॉडल’ बेहतर है !

up80.online by up80.online
October 25, 2020
in बिहार, यूपी, राजनीति
0
obc leader nitish kumar arrested during emergency

इमरजेंसी के दौरान कनपटी पर बंदूक रखकर नीतीश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था

0
SHARES
Share on FacebookShare on TwitterLinkedinWhatsappTelegramEmail

वंचितों के जीवन स्तर को बेहतर करने पर फोकस हैं नीतीश कुमार 

परिवारवाद और जाति विशेष से बाहर नहीं निकले अखिलेश यादव 

लखनऊ, 26 मई

मंडल कमीशन लागू हुए तीन दशक पूरे होने जा रहे हैं। इसके लागू होने के बाद देश में पिछड़ी जातियों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव हुआ। हालांकि यह बदलाव कितना हुआ, यह अध्ययन का विषय है। तीन दशक पहले मंडल कमीशन को जमीन पर लाने के लिए हिन्दी पट्टी में जिन नेताओं ने संघर्ष किया, आज वो नेता अपने पराभव की ओर हैं। आज इनमें से अधिकांश नेताओं ने अपनी पार्टी की कमान अपने पुत्रों को सौंप दी है। बिहार के मुख्यमंत्री एवं जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार इस पीढ़ी के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा है।

यह भी पढ़ें: आखिर सपा-बसपा को पिछड़ा वर्ग क्यों वोट दे !

अब सवाल यह है कि आखिर आप सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिए किस नेता के साथ चलना पसंद करेंगे ! सवाल यह भी है कि आप नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू के बैनर तले इस सामाजिक न्याय की लड़ाई को जारी रखेंगे या मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव और लालू यादव के पुत्र तेजेस्वी यादव के नेतृत्व में इस लड़ाई को जारी रखेंगे। यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि फिलहाल राजनीति में अखिलेश यादव- तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार दोनों विपरीत धुरी हैं। आप को इनमें से किसी एक धुरी के साथ चलना होगा, दोनों धुरी के साथ आप नहीं चल सकते हैं। ज्ञात हो कि अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव अब रिश्तेदार हो गए हैं और स्वजातीय होने के साथ-साथ मुस्लिम-यादव की राजनीति पर विशेष जोर देते हैं।

नीतीश कुमार:

2019 लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण पर नजर डालें तो ज्ञात होता है कि नीतीश कुमार ने बिहार में 17 सीटों में से तीन सवर्ण, 6 पिछड़ा, 6 अति पिछड़ा और 2 अनुसूचित जाति के लोगों को टिकट दिया था, इनमें से 16 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। नीतीश कुमार ने अपनी जाति के एकमात्र उम्मीदवार कौशलेंद्र कुमार को नालंदा से टिकट दिया। इसी तरह इन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव में भी एक भी ब्राह्मण को टिकट नहीं दिया था,जो कि काफी चर्चा का विषय बना था।

यह भी पढ़ें: अनुप्रिया, केसरी, रीता बहुगुणा के सामने फीकी पड़ी सपा – बसपा की दोस्ती

नीतीश कुमार ने महिलाओं की आर्थिक समृद्धि के लिए न केवल उन्हें पंचायत चुनाव में 50 परसेंट आरक्षण की व्यवस्था की, बल्कि इसमें भी पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को विशेष तवज्जो दी गई। आपने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की वकालत के अलावा न्यायिक सेवाओं में आरक्षण की सिफारिश की, जो कि फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित है। आपने सरकारी सेवाओं के अलावा निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की वकालत की है। आप किसी भी मीटिंग में बिहार के महादलित और अति पिछड़ी जातियों के उत्थान पर विशेष जोर देते हैं।

अखिलेश यादव:

अखिलेश यादव के कामकाज पर नजर डालने से पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव के शासनकाल पर भी नजर डालनी चाहिए। मुलायम सिंह यादव के शासन काल में ठाकुर अमर सिंह की एंट्री के साथ ही बेनी प्रसाद वर्मा जैसे कद्दावर पिछड़ा वर्ग के इस नेता को साइड कर दिया गया। सरकारी नौकरियों और ठेकेदारी में स्वजातियों को विशेष तरजीह दी गई। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के अलावा एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों पर भी मुलायम सिंह यादव ने अपने स्वजातियों और रिश्तेदारों को विशेष तरजीह दी।

यह भी पढ़े: मायावती के बाद अखिलेश यादव ने भी ठाकुरों से किया किनारा 

2012 में सत्ता में आने पर अखिलेश यादव की टीम में यादव, ठाकुर और मुस्लिम जनप्रतिनिधियों को सर्वाधिक जगह दी गई। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के इस कदम से नॉन यादव ओबीसी ने खुद को ठगा महसूस किया, जिसका लाभ 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उठाया। भाजपा ने पिछड़ी जाति विशेषकर पूर्वांचल के कुर्मी समुदाय में अपनी पैठ रखने वाली अपना दल से गठबंधन किया। भाजपा को उत्तर प्रदेश में 80 में से 73 सीटें हासिल हुईं। इस बड़ी जीत के बावजूद अखिलेश यादव ने कोई सीख नहीं ली और पुराने ढर्रे पर ही सरकार चलाते रहे, इसका खामियाजा उन्हें 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में झेलना पड़ा। 2017 में भाजपा ने अपना दल (एस) और सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन किया। इन दोनों पाटियों की पिछड़ी वर्ग की दो जातियों में विशेष पैठ है। इस चुनाव में भाजपा को बम्पर जीत हासिल हुई।

हालांकि भाजपा के सत्ता में आने के बावजूद पिछड़ों को कोई खास लाभ नहीं मिला। उधर, अपनी जमीन बचाने के लिए सपा और बसपा ने आरएलडी के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में गठबंधन किया। लेकिन यहां भी टिकट वितरण में इन दोनों दलों ने न केवल सवर्णों को विशेष तरजीह दी, बल्कि एक दर्जन के करीब यादव उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा गया। कई जगह पर इन्होंने दागी, बलात्कारी, बाहुबली छवि वाले नेताओं को टिकट दिया, जिसकी वजह से जनता इनसे बिदक गई ,परिणामस्वरूप पिछड़ा वर्ग ने सपा-बसपा की बजाय भाजपा के साथ चलना उचित समझा। इससे यह प्रतीत होता है कि आज भी उत्तर प्रदेश की आम जनता ने सपा- बसपा की गलतियों को माफ नहीं की है।

तेजस्वी यादव:

हिन्दी पट्‌टी विशेषकर बिहार में आज भी लालू यादव जैसा करिश्माई नेता कोई नहीं है। वास्तव में देखा जाय तो लालू यादव ने बिहार में गरीबों, वंचितों को आवाज दी, उन्हें उनके अधिकार का एहसास कराया। यहां ध्यान देना होगा कि शुरूआती दिनों में नीतीश कुमार 6 साल (1995 तक) लालू यादव के साथ थें। लेकिन यहां भी एक जाति विशेष को ज्यादा तरजीह देने की वजह से नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ छोड़ दिया।

लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने बिहार में 15 साल तक शासन किया। लालू यादव ने गरीबों, वंचितों को उनके हक- अधिकार से बोध तो कराया, लेकिन इसके आगे इन गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर करने में असफल साबित हुए।

दूसरी ओर, नीतीश कुमार ने बिहार की बहुसंख्यक वर्ग के जीवन स्तर को बेहतर करने पर फोकस किया। सत्ता में आने के बाद उन्होंने बिहार में विकास को लक्ष्य बनाया। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने 2014 से पहले काफी संघर्ष किया। नीतीश कुमार के इस विजन को बिहार की गरीब, वंचित जनता (अति पिछड़े, महादलित) ने स्वीकार किया और यही वर्ग नीतीश कुमार की ताकत है।

लालू यादव के जेल जाने के बाद उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि तेजस्वी को अभी काफी संघर्ष करना होगा, जनता की समस्याओं को उन्हें समझना होगा और उसके लिए उन्हें एयर कंडिशन से बाहर निकलकर सड़क पर संघर्ष शुरू करना होगा।

Previous Post

अनुप्रिया, केसरी, रीता बहुगुणा के सामने फीकी पड़ी सपा-बसपा की दोस्ती 

Next Post

अनुप्रिया पटेल के मीडिया सलाहकार बलिराम सिंह को मातृशोक

up80.online

up80.online

Related Posts

केशव पसाद मौर्य
यूपी

जनसमस्याओं के समाधान हेतु अधिकारियों की तय होगी जवाबदेही: मौर्य

May 31, 2025
बलिया
बिहार

ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते: रेलवे कर्मियों ने नन्हीं बच्ची को उसके माता-पिता से मिलाया  

May 31, 2025
गंगा में डूबे तीनों छात्रों के शव मिले, गांव में मचा कोहराम
बिहार

गंगा में डूबे तीनों छात्रों के शव मिले, गांव में मचा कोहराम

May 30, 2025
Next Post
mother of baliram singh

अनुप्रिया पटेल के मीडिया सलाहकार बलिराम सिंह को मातृशोक

अव्यवस्था की शिकार हुईं अनुप्रिया पटेल के सलाहकार की मां

अव्यवस्था की शिकार हुईं अनुप्रिया पटेल के सलाहकार की मां

अनुप्रिया पटेल नहीं बनी मंत्री

अनुप्रिया पटेल मंत्री नहीं बनीं, फिर राजनाथ सिंह के वादे का क्या हुआ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

OBC

प्रदेश में “सब चंगा” नहीं है, ओबीसी छात्रों को नहीं मिल रही है छात्रवृत्ति

4 days ago
बलिया

ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते: रेलवे कर्मियों ने नन्हीं बच्ची को उसके माता-पिता से मिलाया  

2 days ago
गंगा में डूबे तीनों छात्रों के शव मिले, गांव में मचा कोहराम

गंगा में डूबे तीनों छात्रों के शव मिले, गांव में मचा कोहराम

3 days ago
Uttar Pradesh

अब खत्म होंगे जिलेदार, सींचपाल, नलकूप चालक जैसे पद

1 week ago

Categories

  • अखिलेश यादव
  • अन्य राज्य
  • तेजस्वी यादव
  • दिल्ली
  • देश
  • बड़ी खबर
  • बिहार
  • यूपी
  • यूपी विधानसभा चुनाव
  • राजद
  • राजनीति
  • विदेश
  • सपा

Topics

Akhilesh Yadav Anupriya Patel Apna Dal (S) Azamgarh Ballia Belthra Road bihar bjp BSP Congress death farmers Mirzapur Samajwadi Party Sonbhadra Uttar Pradesh Varanasi yogi govt अखिलेश यादव अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) आजमगढ़ उत्तर प्रदेश ओबीसी कांग्रेस किसान किसान आंदोलन केशव प्रसाद मौर्य कोरोना नीतीश कुमार पंचायत चुनाव बलिया बसपा बिहार बीजेपी बेल्थरा रोड भाजपा मायावती मिर्जापुर योगी सरकार वाराणसी सपा समाजवादी पार्टी सीएम योगी सोनभद्र

Highlights

शादीशुदा बेटियों को मिलेगा पैतृक जमीन में हिस्सा?

प्रतापगढ़: मजदूरी मांगने पर मजदूर धर्मराज पटेल की हत्या

सपा के साथ मिलकर किसका का तेल निकलेंगे पियरका चचा के ‘कटप्पा’?

मोदी सरकार कराएगी ‘जाति’ जनगणना, कैबिनेट की लगी मुहर

हेमंत पटेल हत्याकांड: पिता को न्याय का इंतजार और नेताओं में श्रेय लेने की होड़ लगी

हेमंत पटेल हत्याकांड: पटेल समाज की एकजुटता के सामने झुकी सरकार

Trending

केशव पसाद मौर्य
यूपी

जनसमस्याओं के समाधान हेतु अधिकारियों की तय होगी जवाबदेही: मौर्य

by up80.online
May 31, 2025
0

यूपी80 न्यूज, प्रयागराज “अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी, ताकि लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो...

बलिया

ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते: रेलवे कर्मियों ने नन्हीं बच्ची को उसके माता-पिता से मिलाया  

May 31, 2025
गंगा में डूबे तीनों छात्रों के शव मिले, गांव में मचा कोहराम

गंगा में डूबे तीनों छात्रों के शव मिले, गांव में मचा कोहराम

May 30, 2025
UP politics

तीन छात्रों के गंगा में डूबने की आशंका, बैग और साइकिल मिलने से हड़कंप

May 29, 2025
OBC

प्रदेश में “सब चंगा” नहीं है, ओबीसी छात्रों को नहीं मिल रही है छात्रवृत्ति

May 29, 2025

About Us

लोकतांत्रिक देश में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। मीडिया का मुख्य कार्य जनसरोकार से जुड़ी खबरों को आम जनता तक पहुंचाना है, ताकि आम जनता उन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सके। इसके अलावा सरकार की किसी भी योजना का आम जनता को कितना लाभ मिल रहा है, उसके जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में आम जनता की समस्याओं का निराकरण कैसे करते हैं। लोकतंत्रिक देश में जनप्रतिनिधि अपनी जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं। ये सभी जानकारी आपको www.up80.online पर मिलेंगी।

Follow us on social media:

Trending

जनसमस्याओं के समाधान हेतु अधिकारियों की तय होगी जवाबदेही: मौर्य

ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते: रेलवे कर्मियों ने नन्हीं बच्ची को उसके माता-पिता से मिलाया  

गंगा में डूबे तीनों छात्रों के शव मिले, गांव में मचा कोहराम

तीन छात्रों के गंगा में डूबने की आशंका, बैग और साइकिल मिलने से हड़कंप

प्रदेश में “सब चंगा” नहीं है, ओबीसी छात्रों को नहीं मिल रही है छात्रवृत्ति

अब खत्म होंगे जिलेदार, सींचपाल, नलकूप चालक जैसे पद

Others Links

  • Contact
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • About
  • Advertise
  • Contact

Copyright © 2019 up80.online

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • राजनीति
  • विदेश
  • बिहार
  • यूपी
  • वीडियो
  • दिल्ली

Copyright © 2019 up80.online

error: Content is protected !!