बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ, अन्य राज्यों में भी हो जातीय जनगणना
पटना / नई दिल्ली, 27 फरवरी
बिहार में 2021 की जनगणना जातिगत आधार पर की जाएगी। गुरुवार को बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत आधार पर जनगणना की मांग कई बार कर चुके हैं। गुरुवार विधानसभा में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी कई बार जातीय आधार पर जनगणना की मांग कर चुके हैं। नीतिश कुमार के इस कदम से अगले कुछ महीने में होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव में गहरा असर पड़ेगा।
बिहार सरकार के इस पहल का पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। दलित, आदिवासी व पिछड़ा वर्ग से संबंधित संगठनों के बीच इस फैसले का सकारात्मक संदेश गया है। उत्तर प्रदेश के जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल कहते हैं कि उनकी नेता की यही तो खासियत है, वह सदैव समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के उत्थान के लिए कृत संकल्प हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी जातीय आधार पर जनगणना कराने की मांग की है।

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अपना दल एस के युवा मंच के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत चौधरी कहते हैं कि वंचित तबके की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण फैसला है। हमारी पार्टी की नेता अनुप्रिया पटेल जी जातीय आधार पर 2021 की जनगणना कराने की मांग काफी पहले से कर रही हैं।
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सामाजिक चिंतक लखनऊ हाईकोर्ट के एडवोकेट नंद किशोर पटेल कहते हैं कि बिहार शुरू से सामाजिक न्याय के संघर्ष की का मुख्य केंद्र रहा है। बिहार के सामाजिक नेताओं के इस कदम से अन्य राज्यों के पिछड़े व वंचित तबके के नेताओं को नसीहत लेने की जरूरत है।
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