टोक्यो ओलंपिक में हॉकी मैच में देश की बेटी वंदना कटारिया ने हैट्रिक लगाकर रचा था इतिहास; भीम आर्मी चीफ ने कड़ी कार्रवाई करने की मांग की
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
एक ओर हम चांद को छूने को बेताब हैं तो दूसरी ओर आजादी के 74 साल बाद भी देश में जातिवाद चरम पर है। देश की जिस बेटी वंदना कटारिया ने हैट्रिक लगाकर टोक्यो ओलंपिक में देश का मान रखा, सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से मैच हारने पर उसी बेटी के घर के बाहर तथाकथित सामंतवादी प्रवृति के असामाजिक तत्वों ने प्रदर्शन किया गया और जाति-सूचक टिप्पणी की। भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य वंदना कटारिया के परिवार के साथ की गई बदसलूकी एवं जाति-सूचक टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समाज के प्रबुद्ध लोगों ने इसकी कड़ी आलोचना की है। इस मामले में वंदना के भाई चंद्रशेखर कटारिया ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से एक आरोपी गिरफ्तार हो चुका है।
इस मामले में भीम आर्मी चीफ एवं आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है,
“देश की बेटी वंदना कटारिया ने ओलंपिक में वह कर दिखाया, जो आज तक कभी नहीं हुआ। उनकी हैट्रिक के कारण भारतीय टीम मेडल के इतने क़रीब पहुँची। लेकिन हरिद्वार में उनके घर पर जातिवादियों ने कपड़े उतारकर भारत की हार का जश्न मनाया और वंदना को जातिवादी गालियाँ दीं।“
“भारत की हार पर पटाखे जलाकर जश्न मनाने वालो देशद्रोहियों के खिलाफ उत्तराखंड सरकार राष्ट्रद्रोह और SC/ST एक्ट के तहत मुक़दमा क़ायम करे। अगर सरकार हमारे परिवार को सुरक्षा देने में असफल रहती है तो भीम आर्मी और ASP उत्तराखंड की टीम परिवार की सुरक्षा करेगी।“
युवा सामाजिक चिंतक अजय कुमार कुशवाहा कहते हैं,
“वंदना कटारिया हमारे देश की गौरव हैं। उन्होंने भारत का मान बढ़ाया है लेकिन उनको सम्मान देने की बजाय इस देश में कुछ लोगों ने जो हरकत उनके परिजनों के साथ की है उससे स्पष्ट होता है कि हमारा समाज आज भी भयानक रूप से जाति-पाति और भेदभाव की मानसिकता से ग्रसित है।
स्पष्ट है कि इस तरह के भेदभाव को रोकने के लिए अब तक किए गए सारे उपाय कम हैं। भेदभाव और जात पात की मानसिकता समाज पर हावी ना हो सके इसके लिए कठोर और मजबूत उपाय करने की आवश्यकता है।
इस तरह की भावना सामाजिक और राष्ट्रीय एकता और उन्नति में बाधक है। इस कारण जितना जल्दी हो सके हमें इस बीमारी का इलाज खोजना होगा।“