यूपी80 न्यूज, लखनऊ
महाकुंभ में श्रद्धालुओं और साधु संतों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश की योगी सरकार केवल फोटो खिंचवाने में व्यस्त है। यह आरोप कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय एवं प्रयागराज (इलाहाबाद) से कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने प्रेस काफ्रेंस के दौरान लगाया है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय एवं सांसद उज्जवल रमण सिंह ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं और साधु संतों के लिए इंतजामों में बरती जा रही उदासीनता और महाकुंभ की आधी अधूरी तैयारी पर सवाल खड़ा किया है। सांसद उज्जवल रमण सिंह ने सरकार और अधिकारियों द्वारा साधु संतों और श्रद्धालुओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार और पूरा अधिकारी तंत्र सिर्फ वी.आई.पी. लोगों की मेहमान नवाजी और फोटो खिंचवाने में लगा हुआ है जिस वजह से आम श्रद्धालु भारी असुविधा का सामना कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सरकार द्वारा महाकुंभ के नाम पर आवंटित बजट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और महाकुंभ के बाद इसे तथ्यों और आंकड़ों के साथ उजागर करने की बात कही। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि महाकुंभ के नाम पर बड़े स्तर की तैयारी का दावा करके सरकार सभी को भ्रमित करने का काम कर रही है, कैबिनेट बैठक पर सवाल करते हुए अजय राय ने कहा कि आस्था और अध्यात्म के पावन महासंगम स्थल पर कैबिनेट का ड्रामा कर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को ईवेंट बना दिया है।
सांसद उज्जवल रमण सिंह ने सरकार को भ्रष्टाचार पर घेरते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की नींव तो बहुत पहले से ही डाल दी गई थी जब 200 करोड़ के साल की लकड़ी, जो पीपे के पुल बनाने में स्लीपर का काम करते हैं उसकी हमेशा सप्लाई राज्य सरकारों के वन विभागों द्वारा करायी जाती थी, टेंडर गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट होता था, लेकिन इस बार कई निजी फर्मों में अवैध एवं गैर कानूनी तरह से बांट दिया गया। जिसका नतीजा हुआ समय से स्लीपर की सप्लाई नहीं हो पाई और जो हुए भी वो रद्दी क्वालिटी के जिससे शुरुआत में बनते ही टूट गये। उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि 2019 के कुंभ में भाजपा सरकार द्वारा कहा गया था कि कि महाकुंभ 2025 तक मेट्रो चलने लगेगी लेकिन मेट्रो का अता पता नही है, गंगा नदी पर छह लेन पुल कुम्भ से पहले बनकर तैयार हो जाएगा, यह घोषणा हुआ था पर वो भी अधूरा रह गया। जिसका खामियाजा राजकीय कोष पर पड़ा जब 60 करोड़ से स्टील ब्रिज का निर्माण हुआ उसी स्थान पर सिर्फ 60 दिन के लिए इस नुकसान का जिम्मेदार कौन हैं और जवाबदेही किसकी है? सांसद ने महाकुंभ की तैयारियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सड़क निर्माण भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। हर कुम्भ में मोहल्लों की गली नाली तक बनती थीं, इस बार तो मुख्य सड़क व चौराहे को भी नहीं छुआ गया। सरकार की बदइंतजामी की वजह से लोग 20 -20 किलोमीटर पैदल चल कर परेशान हो रहे हैं। पुरोहित, कल्पवासियों की सुविधाओं में कटौती कर दी गई है, तीर्थ पुरोहितों को संगम से दूर पूजा स्थल आवंटित किया गया है, जिस वजह से श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
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