यूपी80 न्यूज, लखनऊ
आखिरकार चार साल बाद एक बार फिर ओमप्रकाश राजभर Omprakash Rajbhar एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए। इसकी घोषणा खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह Amit Shah ने रविवार को सोशल मीडिया के जरिए की। हालांकि एक दिन पहले ओमप्रकाश राजभर ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
श्री @oprajbhar जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ।
राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा… pic.twitter.com/uLnbgJedbF
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) July 16, 2023
उत्तर प्रदेश की राजनीति तेजी से करवट ले रही है। शनिवार को उत्तर प्रदेश में दो राजनीतिक घटनाक्रम हुए। घोसी से सपा के विधायक दारा सिंह चौहान Dara Singh Chauhan ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और अमित शाह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि जल्द ही दारा सिंह भी भाजपा BJP में शामिल हो जाएंगे। इनके अलावा सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने भी अपने पुत्र डॉ.अरविंद राजभर के साथ अमित शाह से मुलाकात की थी और इस मुलाकात के बाद भाजपा-सुभासपा गठबंधन तय माना जा रहा था।
भाजपा और सुभासपा आए साथ
सामाजिक न्याय देश की रक्षा- सुरक्षा, सुशासन वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेगी। pic.twitter.com/CDMXCc9EAM
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) July 16, 2023
अब देखना यह है कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले ओमप्रकाश राजभर भाजपा पर जिस तरह से हमलावर थे, इस गठबंधन के बाद अब उनके तेवर कैसे रहेंगे। कल तक भाजपा के जिन पिछड़े नेताओं को लोडर कहा करते थे, अब उन्हें क्या कहेंगे! दलित-पिछड़ों के मुद्दों को वह कैसे उठाते हैं! मुख्तार अंसारी को लेकर अपने संबंधों के बारे में पहले जिस तरह से खुलकर कहते थे, अब इस मामले में उनका विचार क्या रहेगा! इन सारे सवालों का जवाब वक्त पर छोड़ दीजिए।
सलेमपुर से पूर्व सांसद एवं सपा के वरिष्ठ नेता रमाशंकर राजभर इस गठबंधन पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहते हैं,
“सपा के पीडीए के नारा से भाजपा हिल गई है। इसलिए पिछड़ी जाति के नेताओं को अनेक तरह के प्रलोभन देकर तोड़ रही है। ओमप्रकाश राजभर सौदागर हैं। इस गठबंधन से न भाजपा का फायदा होगा और न ओपी राजभर को, ओपी राजभर अब अपने मतदाताओं को कौन सा मुंह दिखाएंगे, जिन शब्दों का उन्होंने भाजपा के नेताओं के लिए प्रयोग किया था। ”
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