बलिराम सिंह, लखनऊ
उत्तर प्रदेश की चर्चित सीट मिल्कीपुर में हो रहे उपचुनाव को लेकर विधानसभा में समाजवादी पार्टी के उप सचेतक एवं प्रतापगढ़ की रानीगंज से तीसरी बार विधायक बने डॉ.आरके वर्मा से हमने खास बातचीत की। डॉ.आरके वर्मा ने उपचुनाव, सामाजिक न्याय के मुद्दों व पीडीए वर्ग के अधिकारियों की वर्तमान स्थिति व समाजवादी पार्टी के विधायकों के क्षेत्र में विकास की स्थिति को लेकर बेबाकी से बात की।
पेश है इंटरव्यू के प्रमुख अंश:
सवाल:
मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर आपका क्या मानना है?
जवाब:
मिल्कीपुर की जनता ने 2024 में जो अपना जनादेश दे दिया था, वहीं 2025 में भी होने वाला है। कुछ बदलने वाला नहीं है। मिल्कीपुर सहित समूची अयोध्या भाजपा की कहर का शिकार हुई। उसकी वजह से पूरे श्रीराम की जनता त्रस्त है। योगी बाबा का बुलडोजर वहां के निर्दोषों के घरों को तोड़ रहा है। भगवान श्रीराम में आस्था रखने वाले जिन लोगों ने अयोध्या में जमीन खरीदी, अयोध्या विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराकर मकान बनाया और वहां रह रहे थे, ऐसे लोगों को बेघर करने का पापा भाजपा की सरकार ने किया है। इससे आप समझ सकते हैं।
समूचे उत्तर प्रदेश में पीडीए के अधिकारियों की संख्या बहुत कम है। जिस संख्या में हैं भी उन्हें मूल पोस्टिंग नहीं दी गई है।
सवाल:
अखिलेश यादव जी ने कहा कि अयोध्या में पीडीए वर्ग के अधिकार नाममात्र हैं। इसे आप किस नजर से देखते हैं?
जवाब:
बात केवल मिल्कीपुर अथवा अयोध्या की नहीं है, आप पूरे प्रदेश की स्थिति देखिए। समूचे उत्तर प्रदेश में पीडीए के अधिकारियों की संख्या बहुत कम है। जिस संख्या में हैं भी उन्हें मूल पोस्टिंग नहीं दी गई है। आप प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों की सूची, एसडीएम की सूची देख लीजिए, एसपी-एसएसपी और कमिश्नर की सूची देखिए, सभी बीडीओ की सूची देख लीजिए थानों पर थानेदारों की तैनाती की सूची को देख लीजिए। पीडीए को उपेक्षित करने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। कुछ जाति विशेष के लोगों को चुनिंदा पोस्टिंग देने का कार्य किया है, जिनका कहर उत्तर प्रदेश की जनता देख रही है।
मिल्कीपुर में आपके मुद्दे क्या है:
जवाब:
देखिए, समाजवादी पार्टी कभी अपने मुद्दे नहीं बदलती है। मुद्दा बदलने का कार्य भाजपा का है। हमारे जो मुद्दे 2022 में रहे, वहीं मुद्दे 2024 में रहे। हमारा मुद्दा है- संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, पीडीए को सम्मान दिलाओ। हमारा मुद्दा है रोजगार दिलाना। इन्हीं मुद्दे पर हम लड़ने का काम कर रहे हैं। और मिल्कीपुर की जनता ने इन्हीं मुद्दे पर 2022 और 2024 में हमें वोट दिया था। हम अपने मुद्दे पर कायम हैं।
सवाल: मिल्कीपुर में कितने वोटों से आप जीत रहे हैं?
जवाब: मिल्कीपुर में कम से कम 10 हजार वोटों से हमारी जीत होगी।
सवाल:
इस समय भाजपा के सहयोगी सीएम योगी को बार-बार निशाना बना रहे हैं। आप इसे क्या मानते हैं?
जवाब:
ऐसा कुछ नहीं है। शायद आप समझने की भूल कर रहे हैं। ये वही कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं, ये रट्टू तोता की तरह कार्य कर रहे हैं। जो ऊपर से कहा जाता है उसे ये चरितार्थ करने का कार्य कर रहे हैं। जब भी कोई सामाजिक न्याय की बात होती है, चाहे वह 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला हो, अथवा कोई अन्य। सबमें ये बड़े मंच से मीडिया के सामने अपने वोट की सहानुभूति लेने की तो बात करते हैं, लेकिन सरकार के सीने पर चढ़कर यह नहीं कह सकते हैं कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में पिछड़े व दलितों के साथ अन्याय हुआ है।
सवाल:
आज प्रयागराज कुम्भ में आग लग गई है। इसे क्या मानते हैं?
जवाब:
प्रयागराज महाकुम्भ में आग की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन महाकुम्भ को लेकर माननीय मुख्यमंत्री जी की समीक्षा बैठक लगभग हर सप्ताह हुई है। बावजूद इसके महाकु्म्भ में तैनात अधिकारियों की उदासीनता ने वो तैयारियां आज तक नहीं करवाई है।
जिस सेक्टर में ये आग लगी है, सेक्टर नंबर 6, 7, 8 में अभी मूलभूत सुविधाएं पानी, शौचालय, बिजली, अभी तक नहीं हो पाया है। इससे लगता है कि ये अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री जी की आवभगत ही करते रह गए, लेकिन धरातल पर जो काम उनको करना चाहिए। वहां पर बड़े-बड़े पंडाल आपको मिलेंगे, जहांपर राजमहल की सारी सुविधाएं मौजूद हैं, बड़े बड़े होटल जैसी सुविधाएं करने वाले वहां पर हैं, लाख-लाख, सवा लाख रुपए का किराया एक-एक रात का लेने वाले वहां पर व्यवसाय कर रहे हैं। लेकिन जो कल्पवासी, जिनको मूलभूत सुविधाएं चाहिए, उनको सरकार ने कोई मूलभूत सुविधा मुहैया कराने का कार्य नहीं किया है। वहां पर कुम्भ के नाम पर एक अनियंत्रित व्यापार हो रहा है। मैं सरकार से यह कहूंगा, कि उस अनियंत्रित व्यापार पर लगाम लगाने का काम करे और जो कल्पवासी हैं, उनकी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का सरकार काम करे।
रानीगंज में विकास कार्य किस गति से चल रहा है
जवाब:
देखिए, भाजपा की सरकार पक्ष-विपक्ष को देखकर बजट मुहैया कराने का कार्य कर रही है। रानीगंज विधानसभा ही नहीं, समूचे उत्तर प्रदेश में जितनी विरोधी राजनैतिक पार्टी, खासकर समाजवादी पार्टी के विधायकों की विधानसभा क्षेत्र है, वहां पर विकास कार्यों की अनदेखी करने का काम किया जा रहा है और भेदभाव करने का कार्य किया जा रहा है। फिर भी हम सब लड़कर सड़क से संसद तक यह कोशिश कर रहे हैं कि अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को उनकी अपेक्षा के अनुरुप विकास कार्य मुहैया कराने का कार्य कर सके।
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