साक्षी, सोनभद्र
सोन नदी Son River में कछुआ Turtle व घड़ियालों Crocodiles जैसे जीवों को संरक्षित करने के लिए बालू खनन sand mining पर तत्काल रोक लगाई जाएगी। एनजीटी NGT ने यह आदेश देते हुए यूपी Uttar Pradesh और बिहार Bihar को सोन नदी को तीन महीने में ‘सोन घड़ियाल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी’ घोषित करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने पर्यावरण कानून व कछुआ और घड़ियाल जैसे जीवों को संरक्षित करने का निर्देश दिया है। साथ ही, सोन नदी में बालू खनन के लिए दिए गए पट्टों को भी निरस्त करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि सोन नदी कछुआ और घड़ियाल जैसे जीवों के लिए मशहूर रही है। एनजीटी के पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो सोन नदी में बालू खनन के कारण इन जीवों के अस्तित्व पर संकट के बादल छा गए हैं। नदी से बालू खनन करने वाले ठेकेदार नियमों को ताक पर रखकर बालू खनन करा रहे है। इससे सोन नदी में कछुआ और घड़ियाल जैसे जीवों की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही है। खनन पट्टों पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई तो इन जीवों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। एनजीटी ने यूपी ही नहीं बल्कि बिहार सरकार को भी निर्देश जारी किया है कि सोन नदी को घड़ियाल वाइल्ड सैक्चुअरी के तौर पर विकसित किया जाए। इसके लिए तीन माह की समय सीमा भी तय कर दिया है।
सोन नदी से बालू के बेतरतीब खनन के लिए राबर्टसगंज निवासी सुधाकर पाण्डेय, जुगौली क्रासिंग लखनऊ निवासी सुरेंद्र तिवारी और अबकरपुर के गोविंदपुर गणेशपुर निवासी एक ठेकेदार के खिलाफ संयुक्त टीम गठित कर जांच कराने का आदेश दिया है। वहीं, डीएम चंद्र विजय सिंह ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर तीनों पट्टाधारकों को नोटिस जारी कर खनन रोकने का आदेश दे दिया गया है।
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