यूपी80 न्यूज, लखनऊ/पटना
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर राजपूतों को गोलबंद करने के लिए बिहार के बाहुबली आंनद मोहन Anand Mohan की पैरोल पर रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Nitish Kumar घिर गए हैं। बसपा सुप्रीमो एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती Mayawati ने नीतीश सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए गहरी नाराजगी जतायी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती Mayawati ने रविवार को सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा है,
“बिहार की नीतीश सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनंद मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है।
आनंद मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समा में काफी रोष है। चाचहे कुछ मजबूरी हो किंतु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे।”
बेटे की शादी को लेकर पैरोल पर हैं आनंद मोहन:
राजपूत बिरादरी से आने वाला पूर्व सांसद आनंद मोहन फिलहाल 15 दिनों के लिए पैरोल पर जेल से बाहर है। पिछले छह महीने में आनंद मोहन को तीसरी बार पैरोल पर रिहा किया गया है। आनंद मोहन का बेटा चेतन आनंद पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की पार्टी आरजेडी से विधायक है। चेतन आनंद की 24 अप्रैल को सगाई है और तीन मई को देहरादून में शादी है।
बेटी की शादी में भी मिली थी पैरोल:
इससे पहले आनंद मोहन को उसकी बेटी सुरभि आनंद की सगाई में भी 5 नवंबर 2022 को पैरोल पर रिहा किया गया था। दूसरी बार बेटी की शादी पर फरवरी महीने में पैरोल पर आनंद मोहन को रिहा किया गया।
राजपूतों को गोलबंद करने के लिए नीतीश सरकार कर रही है यह पहल:
बिहार की राजपूत बिरादरी में आनंद मोहन की गहरी पैठ है। बिहार की राजनीति में चर्चा है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजपूतों को साधने के लिए नीतीश सरकार ने आनंद मोहन को रिहाई के लिए नोटिफिकेशन जारी करके नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के तहत आनंद मोहन की जेल से रिहाई हो सकती है। नोटिफिकेशन के बाद अब ड्यूटि पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं आएगा, बल्कि यह एक साधारण हत्या मानी जाएगी।
उम्र कैद की सजा काट रहा है बाहुबली:
4 दिसंबर 1994 को बिहार के मुजफ्फरपुर जनपद में बिहार पीपुल्स पार्टी BPP के नेता एवं बाहुबली छोटन शुक्ला Chhotan Shukla की हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद छोटन शुक्ला के समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। इसी दौरान गोपालगंज Gopalganj के डीएम जी.कृष्णैया DM G Krishnaiah हाजीपुर में एक खास मीटिंग के बाद मुजफ्फरपुर हाईवे होकर गोपालगंज वापस आ रहे थे। रास्ते में छोटन शुक्ला के समर्थक उसका शव रखकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान डीएम जी.कृष्णैा की गाड़ी आ गई और उग्र भीड़ ने उन्हें गाड़ी से जबरन बाहर निकालकर निर्दयता पूर्वक हत्या कर दी। उनकी गाड़ी पर चारों तरफ से पत्थरबाजी की गई। इस हत्याकांड की पूरी दुनिया में चर्चा हुई।
इस हत्याकांड में बाहुबली आंनद मोहन के अलावा छोटन शुक्ला के भाई मुन्ना शुक्ला, अखलाक अहमद और अरुण कुमार को फांसी की सजा Sentence to death सुनाई गई, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। हालांकि वर्ष 2008 में सबूतों के अभाव में इन आरोपियों को रिहा कर दिया गया। लेकिन आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। आनंद मोहन अभी भी जेल में है। तेलंगाना के महबूब नगर के रहने वाले जी कृष्णैया 1985 बैच के बिहार कैडर के ईमानदार आईएएस अधिकारी थे। वह अपनी साफ-सुथरी छवि और ईमानदारी के लिए चर्चित थे।
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