यूपी80 न्यूज, लखनऊ
लोकसभा चुनाव Loksabha election में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार Yogi Govt के 16 मंत्री अपने ही विधानसभा क्षेत्र में फिसड्डी साबित हुए। ये मंत्री एनडीए NDA प्रत्याशी को नहीं जिता सके। इन 16 मंत्रियों के गढ़ में विपक्ष ने सेंध लगा दी। 2022 के विधानसभा चुनाव में इन विधानसभाओं में भाजपा BJP ने प्रचंड जीत हासिल की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में सपा के 13 और कांग्रेस के 2 प्रत्याशियों ने जीत हासिल कर तीन साल बाद आगामी विधानसभा चुनाव के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। इनमें तीन कैबिनेट मंत्री, दो राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 11 राज्यमंत्री हैं।

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही Minister Surya Pratap Shahi देवरिया की पथरदेवा सीट से विधायक हैं। कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह ने उनके विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की है। मैनपुरी सदर से विधायक जयवीर सिंह Jaiveer Singh पर्यटन मंत्री हैं। मैनपुरी से सपा के टिकट पर डिंपल यादव Dimpal Yadav संसद पहुंची हैं। यहां से जयवीर सिंह खुद लोकसभा प्रत्याशी थे, लेकिन खुद तो हारे ही और अपनी विधानसभा में भी नहीं जीत सके। इसी तरह, भोगनीपुर से विधायक और एमएसएमई मंत्री राकेश सचान Rakesh Sachan के गढ़ में साइकिल जीत गई।

योगी सरकार में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव Girish Chandra Yadav जौनपुर सदर से विधायक हैं। उनकी सीट से सपा के बाबू सिंह कुशवाहा ने विजय प्राप्त की है। कन्नौज से विधायक और समाज कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण Asim Arun की विधानसभा की जनता ने अखिलेश यादव को ज्यादा वोट दिए।

लोकसभा चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन राज्यमंत्रियों का रहा। 11 राज्यमंत्री अपनी विधानसभा में विपक्ष से मात खा गए। अमेठी की तिलोई सीट से मयंकेश्वर शरण सिंह, सोनभद्र की ओबरा विधानसभा से संजीव कुमार गोंड, देवबंद सहारनपुर से जीतकर मंत्री बने बृजेश सिंह, हरगांव सीतापुर के सुरेश राही, मेरठ दक्षिण के विधायक सोमेन्द्र तोमर, खैर अलीगढ़ के अनूप प्रधान बाल्मीकि, अकबरपुर रनिया से प्रतिभा शुक्ला, सीतापुर सदर के राकेश राठौर गुरु, शाहाबाद हरदोई से चुनकर विधानसभा पहुंची रजनी तिवारी और दरियाबाद बाराबंकी के सतीश चंद्र शर्मा, सलेमपुर से विजय लक्ष्मी गौतम हैं।
वहीं, कई मंत्री अपना गढ़ बचाने में सफल रहे। इनमें कैबिनेट मंत्री लखनऊ कैंट से विधायक और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, शाहजहांपुर से विधायक और वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, लक्ष्मी नारायण चौधरी, योगेन्द्र उपाध्याय, बेबी रानी मौर्य, धर्मपाल सिंह और अनिल राजभर हैं। स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों में स्टांप व रजिस्ट्री मंत्री रवीन्द्र जायसवाल, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल, कपिल देव अग्रवाल, संदीप सिंह, अरुण कुमार सक्सेना, गुलाब देवी और नरेन्द्र कश्यप ने भी अपने क्षेत्र में पकड़ साबित कर दिखाई। राज्य मंत्रियों में बलदेव सिंह औलख, रामकेश निषाद, दिनेश खटीक, अजीत पाल, मनोहर लाल मन्नू कोरी, संजय सिंह गंगवार और के पी मलिक भी अपनी साख बचाने में कामयाब रहे।