सभी दलों ने पिछड़ों को लुभाने की कोशिश की
रांची /नई दिल्ली, 18 दिसंबर
झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें और अंतिम चरण के चुनाव के लिए आज चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। अंतिम चरण का चुनाव 20 दिसंबर को होगा। इसके बाद 23 दिसंबर को चुनाव परिणाम आ जाएगा। माना जा रहा है कि इस बार हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह ही झारखंड विधानसभा का चुनाव परिणाम आएगा। इस चुनाव की एक खासियत यह भी रही कि सभी दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान ओबीसी मतदाताओं को भी लुभाने की कोशिश की।
चूंकि पिछले 19 सालों से झारखंड में आदिवासी एवं बाहरी लोगों का ही प्रमुख मुद्दा रहता था। आदिवासी बनाम बाहरी के बीच पिछड़ों की आवाज दब जा रही थी। लेकिन इस बार के चुनाव में पिछड़ों की समस्या भी एक प्रमुख मुद्दा रहा। बता दें कि झारखंड में ओबीसी को सरकारी नौकरियों में महज 14 परसेंट आरक्षण मिलता है। उधर, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण का दायरा 14 परसेंट से बढ़ाकर 27 परसेंट कर दिया। हालांकि बघेल सरकार के इस फैसले पर अदालत ने रोक लगा दी है।
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बीजेपी अकेले चुनाव मैदान में:
बीजेपी इस बार अकेले चुनाव लड़ रही है। आजसू गठबंधन से अलग हो गया है। आजसू की पिछड़ों में गहरी पैठ बताया जाता है। पिछली बार बीजेपी ने 37 और आजसू ने 5 सीटों पर जीत हासिल की थी।
गठबंधन पड़ सकता है भारी:
यहां पर कांग्रेस, लालू प्रसाद यादव की आरजेडी और शिबू सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठबंधन है। तीनों दल विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं।
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अन्य दल भी मैदान में:
बीजेपी बनाम गठबंधन के अलावा झारखंड विकास मोर्चा (बाबू लाल मरांडी) और राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी, जनता दल यूनाइटेड भी चुनाव में जोर-आजमाइश कर रही हैं।
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