कुलाधिपति के उपसचिव ने दिया जांच का आदेश, भारतीय ओबीसी महासभा ने नियुक्ति प्रक्रिया पर उठाया सवाल
यूपी80 न्यूज, बलिया/लखनऊ
जननायक चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी Jannayak Chandrashekhar University-बलिया Ballia का निर्माण समाजवादी सरकार ने जरूर करवाया है ,लेकिन इसमें जातिवाद Casteism का बदरंग रूप दिखाई दे रहा है। बलिया के जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में अनारक्षित वर्ग के तहत 16 असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति में 13 ब्राह्मण Brahmins व 3 भूमिहार ब्राह्मण नियुक्त किये गए हैं। भारतीय ओबीसी महासभा Bharatiya OBC Mahasabha ने इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। हालांकि इससे पहले इस मामले में कुलाधिपति के उपसचिव हेमंत कुमार चौधरी पहले ही जांच का आदेश दे चुके हैं। यह मामला अदालत में भी पहुंच गया है।
ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटन राम निषाद Ch. Lautan Ram Nishad ने कहा है कि जननायक चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी में 14 अगस्त 2022 व 29 अगस्त 2022 को असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गयी। जो सूची प्रकाशित हुई है उसमें 8 विभागों में नियुक्त 16 असिस्टेंट प्रोफेसरों में 13 ब्राह्मण व 3 भूमिहार बिरादरी के अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।
चौ.लौटन राम निषाद ने बताया कि इस नियुक्ति में अनरिजर्व व ईडब्ल्यूएस कोटे में एससी, एसटी, ओबीसी, माइनारिटी के अलावा अन्य सवर्ण बिरादरी के अभ्यर्थी भी असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी से वंचित रह गए। चौ.लौटन राम निषाद ने कुलपति प्रो.कल्पलता पांडेय पर भी सवाल खड़ा किया है।

चौ.निषाद ने कहा कि इससे पहले भी भाजपा सरकार में कई भर्तियों में जातिवाद का खेल खेला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उच्चतर न्यायिक सेवा आयोग की भर्ती में 61 में से 52 सवर्ण, दीन दयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय में 71 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर में से 66 सवर्ण की नियुक्ति हुई। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षक भर्ती, माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश कर्मचारी सेवा आयोग आदि की भर्तियों में भी ओबीसी व एससी को दरकिनार किया गया। बांदा कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्त किए गए 16 प्रोफेसर में से 13 प्रोफेसर राजपूत बिरादरी के थे।

मीडिया ने सपा सरकार में फैलाया प्रोपगंडा:
चौ.लौटन राम निषाद ने कहा कि सपा सरकार में हर किसी को जातिवाद दिखायी देता था, लेकिन भाजपा की सामाजिक न्याय विरोधी सरकार में जातिवाद पर सभी खामोश हैं। जब सपा सरकार में 30 में 5 यादव एसडीएम नियुक्त हुए थे तो भाजपा ने झूठा प्रोपगंडा के तहत 86 में से 56 यादव एसडीएम नियुक्त करने का झूठा प्रचार किया।