यूपी80 न्यूज, लखनऊ
भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता लौटन राम निषाद ने कहा है कि वीपी सिंह ने मण्डल कमीशन की सिफारिश को लागू कर न्यायिक चरित्र का परिचय दिया। वीपी सिंह ने सामाजिक न्याय के मसीहा के रूप में अपना नाम दर्ज करा दिया। उन्होंने भारत सरकार से मण्डल मसीहा वीपी सिंह को भारतरत्न देने एवं संसद भवन परिसर में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित कराने की मांग की है।
लौटन राम निषाद ने बताया कि शरद यादव, रामविलास पासवान, अजित सिंह, जार्ज फर्णांडिस, मधु दंडवते, सुबोधकांत सहाय आदि की सदन के अंदर धारदार बहसों व सड़क पर लालू प्रसाद यादव, रामविलास पासवान जैसे नेताओं के संघर्षो की परिणति वीपी सिंह द्वारा पिछड़ोत्थान के लिए ऐतिहासिक, साहसिक व अविस्मरणीय फैसले के रूप में हुई। वीपी सिंह का कालजयी वक्तव्य जनमानस पर आज भी अंकित है। उन्होंने कहा कि हमने मंडल रूपी बच्चा माँ के पेट से बाहर निकाल दिया है, अब कोई माई का लाल इसे माँ के पेट में नहीं डाल सकता है। यह बच्चा अब प्रोग्रेस ही करेगा। मंडल से राजनीति का ग्रैमर बदल गया और एक चेतना डिप्राइव्ड सेक्शन में आई, जो पावर स्ट्रक्चर में नहीं थे, उनको एक कॉन्शसनेस आयी।” हम समझते हैं, ये कॉन्शसनेस इंडिविजुअल पार्टी या इंडिविजुअल लीडर से बड़ी चीज आई।