यूपी80 न्यूज, बलिया/लखनऊ
जनपद के बेल्थरारोड क्षेत्र के चरौंवां गांव स्थित शहीद स्मारक को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की क्षेत्रवासियों ने मांग की है। साथ ही, गांव के शहीद स्मारक पर प्रत्येक वर्ष 25 अगस्त को मनाए जाने वाले ‘चरौवां बलिदान दिवस’ को सरकारी आयोजन घोषित करने की भी मांग की गई है। इस बाबत क्षेत्रवासियों के प्रतिनिधि के तौर पर गांव के प्रधान देवेंद्र यादव ने लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर पत्रक सौंपा है। उन्होंने पर्यटन मंत्री व लोक निर्माण मंत्री को भी पत्रक देकर शहीद स्मारक सहित पूरे गांव को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है। मंगलवार को कृषक एक्सप्रेस से लखनऊ से वापस बेल्थरारोड पहुंचे ग्राम प्रधान देवेंद्र यादव ने इसकी जानकारी दी।
बता दें कि सन् 1857 से देश की आजादी तक चरौंवा गांव क्रांतिकारियों का केंद्र रहा। सन् 1942 में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान गांव के क्रांतिकारियों ने पूरे पूर्वांचल में अंग्रेजी शासन के खिलाफ इस कदर आंदोलन को धार दिया कि अंग्रेजी सेना ने कैप्टन मूर के नेतृत्व में गांव पहुंच कर मशीनगनों से गोलियां चलवाई। अंग्रेजों की इस कायराना हरकत का बहादुरपूर्वक सामना करते हुए क्रांतिकारी शिवशंकर सिंह, मंगला सिंह, खरबियार व वीरांगना मकतूलिया मालन शहीद हो गए। इस दौरान अंग्रेजों ने सामूहिक जुर्माना लगाकर गांव को जला दिया। इन्हीं शहीदों की याद में 25 अगस्त को ‘चरौंवा बलिदान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
प्रधान ने मुख्यमंत्री को पत्रक देकर चरौंवा बलिदान दिवस को सरकारी आयोजन घोषित करने की पूरजोर मांग की है। इसके अलावा प्रधान ने उप्र के लोक निर्माण मंत्री को पत्रक देकर शहीद स्मारक समेत चरौवां गांव को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है। इस दौरान उन्होंने लोक निर्माण मंत्री को भी एक पत्रक सौंपा। उन्होंने दिए पत्रक के माध्यम से मांग की है कि चरौंवा स्थित शहीद स्मारक को देखने पूरे जनपद के साथ ही समीपवर्ती जिले के लोग भी वहां पहुंचते रहते हैं। उक्त मार्ग नाद पलिया चट्टी से ठकुरही होते हुए चरौंवा तक जर्जर हो चुका है। उन्होंने मुख्य मार्ग का नाम शहीद खरबियार के नाम से कर उसके जीर्णोद्धार की मांग की है।