‘युवा हल्ला बोल Yuva Halla Bol’ की मांग-9 महीने में हर भर्ती Govt Job पूरी होनी चाहिए
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
मोदी सरकार Modi Govt ने युवाओं के भविष्य को अंधकारमय और अनिश्चित बना दिया है। यह गंभीर आरोप ‘युवा हल्ला बोल Yuva Halla Bol’ ने लगाया है। इस गंभीर समस्या के प्रति मोदी सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘युवा हल्ला बोल’ के नेतृत्व में देश भर के बेरोजगार युवा शनिवार 5 सितंबर को शाम 5 बजे 5 मिनट 5Sept5Baje के लिए ताली, थाली या घंटी बजाएंगे।
संगठन के संस्थापक अनुपम Anupam ने कहा कि देश के सबसे बड़े संकट के प्रति सरकार गंभीर नहीं है और समस्या से निपटने की बजाए सोयी हुई है। इसलिए ‘युवा हल्ला बोल’ ने सरकार को जगाने के लिए ये निर्णय लिया है। देशभर के कई संगठन और राजनीतिक दलों ने भी इस कार्यक्रम को समर्थन का ऐलान किया है।
कोरोना महामारी को देखते हुए ‘युवा हल्ला बोल’ ने छात्रों से अपील की है कि वो अपने अपने घरों से ही कार्यक्रम में हिस्सा लेकर एकजुटता का संदेश दें।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सरकारी नौकरियों Govt Jobs में देरी को लेकर युवाओं का डिजिटल प्रोटेस्ट चल रहा है। देश भर के बेरोज़गार युवा भारी आक्रोश में हैं, आंदोलित हैं। युवाओं के बेहतर भविष्य के प्रति सरकार की उदासीनता की वजह से देश की अर्थव्यवस्था आज कराह रही है। पिछली तिमाही में 23.9% की गिरावट होना ऐतिहासिक है।
अनुपम का कहना है कि सरकार कम से कम सरकारी नौकरियों के माध्यम से युवाओं की हताशा को दूर करती और भविष्य को लेकर विश्वास पैदा करने की कोशिश करे। लेकिन इसके उलट सरकार ने पदों को खत्म करना शुरू कर दिया।
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यदि चुनाव समय पर तो भर्तियां समय पर क्यों नहीं?
‘युवा हल्ला बोल’ की दलील है कि यदि इस देश में बड़े पैमाने पर चुनाव सुचारू और समयबद्ध ढंग से हो सकते हैं तो नौकरियों की भर्ती क्यों नहीं? ‘युवा हल्ला बोल’ ने ‘मॉडल एग्जाम कोड Modal Exam Code‘ का प्रस्ताव दिया है जिससे हर भर्ती प्रक्रिया अधिकतम 9 महीने में पूरी हो सके। इसके तहत किसी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होने से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया 9 महीने में पूरी हो जानी चाहिए।
अनुपम ने मांग की कि एसएससी SSC अपने लंबित पड़े सभी भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा करे। इसके अलावा डेढ़ साल से लटके पड़े रेलवे की NTPC और Group D की परीक्षाओं का ऐलान हो। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए छात्रों की एकता देश के लिए सकारात्मक है। कोई बड़ा बदलाव युवाओं की सामूहिक ऊर्जा से ही आएगा।