अनूप कुमार सिंह, बाराबंकी
मायावती के अखिलेश यादव को ‘गिरगिट’ कहे जाने वाले बयान के बावजूद अखिलेश यादव का बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रति सम्मान कम नहीं हुआ है। बाराबंकी जिले में एक चुनावी जनसभा में आए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ‘समाजवादियों की सभी दलों को जोड़ने का प्रयास रहेगा, कोशिश रहेगी कि I.N.D.I.A गठबंधन कैसे मजबूत हो और सभी दल जुड़ें। अखिलेश यादव ने बीएसपी सुप्रीमो का नाम लिए बिना उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की बात को एक बार फिर दोहराया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती पर नरमी दिखाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए कहा एक समय पर सपा ने प्रधानमंत्री बनाने के लिए संकल्प लिया था। प्रधानमंत्री उस वर्ग से हो जिन्होंने समाज की तमाम बुराइयों का हजारों साल सामना किया है, उन्होंने कहा कि हमने बसपा को सम्मान देने का काम किया है। ऐसे में मायावती जी की ओर से इस तरह का बयान का मतलब है कि शायद उनपर किसी तरह का दबाव है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी श्रीराम पर अपना कब्जा जमाना चाहती है। इस चुनाव में हमारे लिये पीडीए ही भगवान हैं। उन्होंन बृजेश पाठक से सवाल किया कि क्या वह अपने नाम के आगे यादव लगा लेंगे। उन्होंने एक बार फिर कहा- पीडीए हमारे लिए है ‘भगवान’।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा भगवान श्रीराम को कब्जे में करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा भगवान को नहीं ला रही। बल्कि उनकी कृपा से ही वह इस समय थोड़ा कामयाब हो रही है। लेकिन जनता को सब पता है कि बीजेपी ऐसा क्यों कर रही है। इस बार भगवान जनता के साथ है। हम लोग रोजाना पूजा-पाठ करने वाले लोग हैं। इस चुनाव में हमारे लिये पीडीए ही भगवान है। पीडीए हमारे साथ है, तो हमें किसी का डर नही। इस बार पीडीए ही बीजेपी को यूपी से हटाएगी।
सपा प्रमुख के मंगलवार को बाराबंकी पहुँचने पर शहरी क्षेत्र में पल्हरी बाईपास के निकट नगरपालिका चेयरमैन शीला सिंह वर्मा, सुरेंद्र वर्मा, ताज बाबा राइन समेत सैकड़ों की संख्या में स्वागत किया। जिसके बाद रामनगर विधान सभा क्षेत्र के बदोसराएं कस्बा स्थित पूर्व विधायक अशर्फी लाल यादव की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा में शिरकत किया। आयोजित कार्यक्रम में एक चुनावी जनसभा का भी आयोजन हुआ। मंच से अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सपा सरकार के बनाए सभी इंस्टीट्यूशन और संस्थानों को बेच दिया है। यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है।