अनूप कुमार सिंह, बाराबंकी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कविता लिखने वाले चर्चा में आए शख्स शरीर से दुर्बल हो चुके हैं, लेकिन मन और आत्मबल से निर्बल नहीं हुए हैं। बिस्तर पर शरीर से असहाय पड़े अभय चांदवासिया Abhay Chandvasiya ने अपनी कविता का एक–एक शब्द पीएम मोदी Narendra Modi को समर्पित किया है। प्रधानमंत्री के संघर्षों पर लिखी कविता को पीएमओ ने संज्ञान लेकर अफसरों से इनका ब्योरा मांगा गया है।
बाराबंकी Barabanki निवासी अभय चांदवासिया के घर को खोजते हुए शनिवार को एसडीएम और सीएमओ उनके घर पहुंच गए। अफसरों ने पिछले 4 सालों से बिस्तर पर पड़े अभय की जानकारी ली है।
यूपी में बाराबंकी जिले के अभय चांदवासिया 28 साल की उम्र से ‘मोटर न्यूरॉन डिसऑर्डर’ की गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। शहर क्षेत्र में पीरबटावन मोहल्ले में रहने वाले कपड़ा व्यवसायी 48 वर्षीय अभय चांदवासिया ने बताया कि उन्हें काम करने, दौड़ने भगाने और क्रिकेट खेलते समय बीमारी का एहसास हुआ। बीमारी से वर्ष 2016 में व्हीलचेयर पर आ गया और साल 2019 से पूरी तरह बिस्तर पर हूं। बीते चार सालों से दिन में न तो सूरज की रोशनी देख पाते हैं और न ही रात में चांद को निहार पाते हैं। इनकी सेवा पत्नी और बेटा हर कदम पर साथ निभा कर सेवा करते हैं। अभय चांदवासिया देश भक्ति और प्रधानमंत्री के संघर्षों पर रचित कविता के बोल पर वह जिले के अफसरों को अपने दरवाजे पर खींच लाए। अभय बिस्तर पर पड़े अपने हाथों की उंगलियों से कंप्यूटर माउस के सहारे सामने लगी एलईडी पर कविताएं लिखते हैं।
प्रधानमंत्री के संघर्षों पर लिखी कविता
अभय चांदवासिया का 95 प्रतिशत शरीर निष्क्रिय है। उन्होंने बताया कि पिछले 4 से 5 सालों शैय्यागत अवस्था में हूं, लेकिन मेरे मन अभी भी मजबूत है। उन्होंने कहा कि किसी भी सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा मैं अपने हौसलों और विचारों से अपने आप को बहुत बड़ा महसूस करता हूं। इन्होंने बताया कि पेंटिंग और कविताओं का शौक है। मैंने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संघर्षों पर एक कविता यूट्यूब पर अपलोड किया था। जिसके बाद नवाबगंज सदर एसडीएम विजय त्रिवेदी और सीएमओ अवधेश कुमार यादव घर पहुंच कर मेरे बारे में जानकारी ली है।
अभय ने कविता में लिखा कि
“मान हो अपमान हो, या की जय जयकार हो, कर्तव्य से डिगता नहीं वो, जीत हो या हार हो, दे रहा संदेश, सारे विश्व को बंधुत्व का चढ़कर सनातन की शिखा, परिचय दिया हिंदुत्व का“!
“असंभव को जो संभव बना दे, धरा से चंद्र तक तिरंगा सजा दे। जो बदल दे राष्ट्र की नवचेतना का केंद्र, कोटि-कोटि जिस पर भरोसा है, वही नरेंद्र“!
पीएमओ ने लिया संज्ञान, ’अभय’ की कविता ने खींचा ध्यान:
शनिवार को नवाबगंज तहसील एसडीएम विजय त्रिवेदी इनके घर पहुंच कर पूरा ब्योरा लिया। वहीं, पीएमओ के संज्ञान पर हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग से चीफ मेडिकल ऑफिसर अवधेश कुमार यादव शुक्रवार इनके घर पहुंचे। 4 साल से बेड पर पड़े अभय के हौसले और जज्बे को देख सीएमओ भी आश्चर्य चकित हो गए। इनका करीब एक घंटे हाल चाल लेने के बाद स्वास्थ टीम को भेज कर शारीरिक जांच करने के निर्देश दिए।
मेडिकल साइंस में नही है ‘मोटर न्यूरॉन रोग’ का इलाज –सीएमओ
मोटर न्यूरॉन बीमारी को एमएनडी के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में मस्तिष्क और तंत्रिकाएं प्रभावित होने लगती हैं। इससे मरीज को चलने-फिरने और रोजाना के कार्यों को करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। शरीर कमजोर हो जाता है। सीएमओ ने बताया कि मोटर न्यूरॉन डिसऑर्डर एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी का अभी तक मेडिकल साइंस में कोई उपचार नहीं है। हालांकि इस बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ दवाएं उपलब्ध हैं। इनके शरीर को देखते हुए स्वास्थ टीम भेज कर ब्लड टेस्ट समेत अन्य जांच कराई जायेगी। सीएमओ ने फिजियोथेरेपी के लिए जिला अस्पताल से संपर्क किया है।