यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
“69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को अन्याय का शिकार हुए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए।” केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोशल मीडिया “एक्स ” के जरिए यह बात कही है। उन्होंने यह भी कहा है कि 69000 भर्ती के मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है।
सोमवार को 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर अस्थाई रोक लगाने पर अनुप्रिया पटेल ने कहा, “69000 शिक्षक भर्ती मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय ने माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर अस्थाई रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है तथा अगली सुनवाई में दोनों पक्षों से मामले के संबंध में अपनी अपनी दलील पेश करने के लिए कहा है। जहां तक अपना दल (एस) का सवाल है तो पार्टी इस मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ मज़बूती के साथ खड़ी है। हमारी पार्टी का प्रारंभ से मानना है कि 69000 भर्ती के मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है, जिसकी पुष्टि माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नई सूची जारी करने का आदेश दे कर की थी। हम अब भी इस मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं। हम न सिर्फ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की हक की लड़ाई पहले की तरह जारी रखेंगे, बल्कि वादे के मुताबिक इस मामले को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए हर संभव कानूनी मदद देना भी जारी रखेंगे। हमारी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार को अन्याय का शिकार हुए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए। क़ानूनी प्रक्रिया से अलग उत्तर प्रदेश सरकार को राजनीतिक रूप से तमाम उपलब्ध विकल्पों में से सब को स्वीकार्य एक ऐसा विकल्प लागू करना चाहिए जिससे किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो।
और हां, 69000 शिक्षक भर्ती में अन्याय का शिकार हुए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी निराश न हों। इस मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय ने माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के विस्तृत अध्ययन के लिए सिर्फ़ अस्थाई रोक लगाया है।”