यूपी80 न्यूज, लखनऊ
योगी सरकार Yogi Govt में पिछले छह सालों में पहली बार प्रदेश Uttar Pradesh के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की कुर्सी ओबीसी OBC वर्ग से आने वाले अधिकारी को मिली है। हालांकि यह जिम्मेदारी भी कार्यवाहक डीजीपी DGP के तौर पर कुछ महीने के लिए मिली है। ओबीसी समाज से आने वाले तेज तर्रार पुलिस अधिकारी आरके विश्वकर्मा IPS RK Vishwakarma को प्रदेश का नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। इससे पहले अखिलेश यादव Akhilesh Yadav सरकार में मनमोहन यादव Manmohan Yadav को प्रदेश का डीजीपी बनाया गया था।
बता दें कि साल भर बाद भी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था कार्यवाहक डीजीपी के हाथों में रहेगा। यूपी के नये डीजीपी राज कुमार विश्वकर्मा को बनाया गया है। राज कुमार विश्वकर्मा 1988 बैच के आईपीएस हैं। कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान आज शुक्रवार को रिटायर हो गए हैं।
फिलहाल आरके विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वह 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर कार्यरत थे। सीनियरिटी के हिसाब से इस पद के मुख्य दावेदारों की सूची में वह सबसे ऊपर हैं। आईपीएस लॉबी में उनकी बेदाग छवि है। 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा पदभार ग्रहण करने के लिए पुलिस मुख्यालय पहुंचे और प्रदेश पुलिस की बागडोर हाथ में ले ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शुक्रवार को अचानक उनको बुलाया।
उत्तर प्रदेश में डॉ देवेंद्र सिंह चौहान पिछले 11 महीने से डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे। डॉ चौहान शुक्रवार को 31 मार्च को रिटायर हो गए। ये 1988 बैच के आईपीएस अफसर थे, इन्होंने प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दी है।
मुख्य सचिव, डीजीपी व अपर मुख्य सचिव पद पर सवर्ण अधिकारियों का कब्जा:
बता दें कि पिछले छह सालों में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पद सवर्ण अधिकारियों का ही कब्जा रहा है। इन अधिकारियों को सेवानिवृति के बाद भी अहम जिम्मेदारी मिलती रही है। पिछले छह सालों में पहली बार ओबीसी वर्ग से आने वाले एक आईपीएस अधिकारी को पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी मिली है।