यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के छह जिलों की 13 हजार से अधिक महिलाएं दूध के कारोबार से ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रदेश में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ी ग्रामीण महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के जरिए यह उपलब्धि हासिल की है।
ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सकारात्मक व प्रभावी कदम उठाए गये हैं। इसी कड़ी में बुन्देलखण्ड में संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी ने महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। बलिनी आधी आबादी के स्वावलंबन की मिशाल बना गयी है। कम्पनी दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध एकत्र करने के बाद उसे संरक्षित कर बेचती हैं। महिलाओं की इस साहसिक पहल ने उनकी आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चलाई जा रही कम्पनी सदस्यों को पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था, कृत्रिम गर्भाधान, गुणवत्तायुक्त पशु आहार आदि सुविधाएं भी मुहैया करा रही है। बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी की स्थापना 2019 में झांसी में की गयी थी।
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बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत सातों जनपदों के 1120 ग्रामों से 71 हजार महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 2.40 लाख लीटर दुग्ध का संग्रह किया जा रहा है। अभी तक रू 1250 करोड़ का कारोबार करते हुए रू 1046 करोड़ का भुगतान पूर्ण करते हुए रू 24 करोड़ का लाभांश अर्जित किया गया है। कम्पनी में 13600 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं।