बसपा ने 115, सपा ने 65 व भाजपा ने महज 10 रुपए बढ़ाया: मलिक
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों को गन्ने का रेट सवा चार सौ रुपए प्रति क्विंटल से एक पाई कम भी मंजूर नहीं होगा। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने ऐसा नहीं किया तो केंद्र सरकार से काले कानूनों और एमएसपी की गारंटी के लिए चल रही लड़ाई के साथ ही भारतीय किसान यूनियन सूबे की सरकार की भी मोर्चेबंदी करेगी।
राकेश टिकैत ने कहा कि 2017 में अपने घोषणा पत्र में गन्ने का रेट 370 रुपए प्रति क्विंटल करने का वादा करके भाजपा के लोग सरकार में आए थे। अब इस रेट में साढ़े चार साल में बेतहाशा बढ़ी महंगाई का भी हिसाब जोड़ लो, किसान पूरा हिसाब जोड़े बैठा है। किसी भी हाल में सवा चार सौ रुपए से कम रेट पर वह मानने वाला नहीं है।
चौधरी टिकैत ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि विधानसभा चुनाव नजदीक देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार गन्ने का रेट बढ़ाने की कवायद में जुटी है। लेकिन किसान को यदि गन्ने के रेट को लेकर भरमाने का प्रयास किया गया तो भाकियू प्रदेशभर में जबरदस्त आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार गन्ने का बकाया जल्दी भुगतान कराए, किसान के लिए बिजली के रेट कम करे और सरकार की नीतियों के कारण अवारा पशुओं से फसल को हो रहे नुकसान का खामियाजा भी भुगतने को तैयार रहे। उत्तर प्रदेश का किसान अवारा पशुओं से हो रहे नुकसान से तंग आ चुका है।
राकेश टिकैत ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री ने 14 दिन में गन्ने का भुगतान कराने और न करा पाने पर ब्याज देने की बात कही थी, लेकिन हुआ क्या? किसानों का हजारों करोड़ रुपये का भुगतान आज भी बकाया है।
यूपी के किसानों को हरियाणा से 12 गुना ज्यादा महंगी बिजली: टिकैत
श्री टिकैत ने कहा कि यूपी सरकार किसान के ट्यूबवैल के लिए 170 रुपये प्रति हॉर्सपावर की दर से बिजली दे रही है, जबकि हरियाणा में 15 रुपये प्रति हॉर्सपावर ही किसानों को देना पड़ता है। पंजाब में किसानों और गरीबों को बिजली फ्री में देने की घोषणा हो चुकी है। बकाया बिजली बिल भी माफ होंगे, वहीं यूपी में और रेट बढ़ाने के लिए सरकार तैयार बैठी है।
बसपा ने 115, सपा ने 65 व भाजपा ने महज 10 रुपए बढ़ाया: मलिक
भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि वर्ष 2007 में बनी बसपा सरकार ने अपने कार्यकाल में सबसे अधिक गन्ने के रेट में कुल मिलाकर 115 रुपये का इजाफा किया था। अखिलेश यादव की सरकार में भी गन्ने का रेट 65 रुपये बढ़ा, लेकिन जब से मौजूदा सरकार आई है, शुरुआत में दस रुपये का लॉलीपॉप देकर उसके बाद गन्ने का रेट एक पाई भी नहीं बढ़ाया।