सपा प्रमुख ने कहा- यदि विधानसभा चुनाव में नियमों का पालन हुआ होता तो हजारों मतदाता अपने वोट देने के अधिकार से वंचित नहीं होते
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
चुनाव आयोग की नोटिस के महज 24 घंटे के अंदर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आयोग पर एक बार फिर निशाना साधते हुए सवाल किया कि विधानसभा चुनाव 2022 से संबंधित तमाम शिकायतों का संज्ञान आयोग ने क्यों नहीं लिया? उन्होंने यह भी कहा कि यदि नियमों का पालन हुआ होता तो हजारों मतदाता अपने वोट देने के अधिकार से वंचित नहीं होते।
उन्होंने कहा कि शिकायतों के बावजूद लखनऊ में तैनात डीआईजी लक्ष्मी सिंह का स्थानांतरण नहीं किया गया, जबकि उनके पति लखनऊ के सरोजनी नगर से भाजपा प्रत्याशी थे। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज को दबाने की साजिश की जाती है। चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से कराने का संवैधानिक दायित्व निर्वाचन आयोग का है।
सपा प्रमुख ने सवाल किया कि 2022 विधानसभा चुनाव में हजारों मतदेय स्थल क्यों बदल दिए गए? इससे मतदाता भटकते रहे। तमाम मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हो गए। शासन-प्रशासन एवं मशीनरी द्वारा मतदान में देरी की गई एवं मनमाने ढंग से मतदान कराया गया।
अखिलेश यादव ने यह भी सवाल किया कि अभी अंतिम मतदाता सूची बनी नहीं, मतदान की प्रक्रिया की घोषणा भी नहीं हुई, लेकिन भाजपा नेता नगर निगम के सभी 17 स्थानों पर काबिज होने का दावा कैसे कर सकते हैं? कहीं यह विधानसभा चुनाव 2022 की तरह निकाय चुनाव में भी धांधली का भाजपाई एजेंडा तो नहीं है?
बता दें कि अखिलेश यादव ने पिछले महीने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा था कि हर सीट पर यादवों और मुस्लिमों के 10-10 हजार वोट काटे गए। सारे तंत्र ने मिलकर सपा को मिली हुई जीत को भाजपा को दिलवाने का काम किया। निर्वाचन आयोग ने इस मामले में गुरुवार को अखिलेश यादव को नोटिस जारी कर सबूत देने को कहा था।