एआईकेएससीसी के फेसबुक कार्यक्रम “किसानों का यह ऐलान, लेकर रहेंगे पूरा दाम” को देशभर के किसानों ने देखा
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा आयोजित ऑनलाइन फेसबुक कार्यक्रम “ किसानों का यह ऐलान,लेकर रहेंगे पूरा दाम” को देश के विभिन्न हिस्सों में काफी संख्या में किसानों ने देखा है और इस पहल की सराहना की है। इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि देश में कॉरपोरेट संगठनों को खेती करने नहीं दी जाएगी। खेती भारत का किसान ही करेगा।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराना होगा। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पहले दूध का रेट 35रू लीटर था , लेकिन अब घटकर 17 रूपये लीटर हो गया है जो बोतलबंद एक लीटर पानी के दाम से भी कम है।
देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी:
राजू शेट्टी ने कहा कि यदि 5 अगस्त तक राज्य सरकार द्वारा 5 रू प्रति लीटर की सब्सिडी नहीं दी गई तथा केंद्र सरकार ने दूध पाउडर के आयात तथा दुग्ध पदार्थों पर जीएसटी समाप्त नहीं किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

गन्ने के रेट में 2 सालों से नहीं बढ़ा एफआरपी:
गन्ना किसानों को गन्ने के रेट में पिछले 2 वर्षों से कोई एफआरपी नहीं बढ़ाने पर आपत्ति दर्ज करते हुए राजू शेट्टी ने कहा कि उर्वरक और डीजल का दाम लगातार बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों को भुगतान टुकड़ों (किस्तों) में देने की तथा ब्याज प्रतिशत कम करने की साजिश की जा रही है।
देश में कॉरपोरेट को खेती नहीं करने दी जाएगी:
हरियाणा से प्रेम सिंह गहलावत ने कहा कि हरियाणा में 10 किसान संगठनों ने 23 जुलाई को मीटिंग कर तय किया है कि हम अपनी फसल का पूरा दाम लेकर रहेंगे। एमएसपी लागू करवाएंगे। उन्होंने कहा कि हम देश में कार्पोरेट को खेती नहीं करने देंगे। खेती भारत का किसान ही करेगा। जब कंपनियों के माल का रेट कंपनियां तय करती हैं तो किसानों के उत्पाद का रेट किसान खुद क्यों तय नहीं कर सकता?
पश्चिम बंगाल के एआईकेएससीसी इकाई के संयोजक कार्तिक पाल ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट खेती संबंधित कानून देश में लागू हुआ तो किसानों के पास जमीन नहीं बचेगी, कार्पोरेट के हाथ में जमीन होगी जिससे वे कृषि उत्पादों को विदेशों में निर्यात करेंगे। उन्होंने कहा कि बंगाल में अंफान तूफान से किसानों का अत्यधिक नुकसान हुआ लेकिन केंद्र ने कोई मदद नहीं की।
उत्तराखंड से तेजिंदर सिंह विर्क ने उत्तराखंड में किसानों को धान पर प्रति क्विंटल 500 रू का नुकसान हो रहा है। मध्य प्रदेश से अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में खाद की कालाबाजारी और नकली खाद बेचने का धंधा चल रहा है। एनएसएसओ के मुताबिक धान की एमएसपी 6.4% और अरहर की एमएसपी 1% किसानों को ही मिल पाई है। सरकारों ने घोषणा की थी कि एमएसपी के नीचे खरीदने वालों पर एफआईआर की जाएगी लेकिन घोषणा पर अमल नहीं हुआ।
मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष राहुल राज ने कृषि अध्यादेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में मण्डियों के निजीकरण से किसान को घाटा हो रहा है। उन्होंने नौजवान किसानों से आह्वान किया कि जात-पात और पार्टियों के बंधन को तोड़ किसान हित में एक होकर आवाज़ बुलंद करें अन्यथा कृषि कॉर्पोरेट का एक व्यवसाय बन के रह जायेगा और किसान उनके नौकर होंगे।