नेताजी के मित्र दर्शन सिंह यादव ने मृत्युभोज, दहेज प्रथा व नशा सेवन के खिलाफ उठाई थी आवाज
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव Mulayam Singh Yadav के निधन के बाद उनकी तेरहवीं नहीं मनाई जाएगी। बल्कि सैफई Saifai परंपरा के अनुसार अंत्येष्टि के 11वें दिन शांति पाठ का आयोजन किया जाएगा।
बता दें कि सैफई और आसपास के इलाकों में यह परंपरा है कि तेरहवीं संस्कार अर्थात मृत्युभोज की परंपरा का बहिष्कार किया जाना चाहिए। इसके पीछे बताया जाता है कि इस परंपरा से आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। अत: आर्थिक रूप से मजबूत परिवार भी इस प्रथा का पालन नहीं करेंगे। बता दें कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए।
मुलायम सिंह यादव के मित्र ने खत्म की थी परंपरा:
मुलायम सिंह यादव के मित्र एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य दर्शन सिंह यादव Darshan Singh Yadav ने मृत्युभोज की कुरीति को समाप्त किया था। दर्शन सिंह यादव समाजसेवी भी थे। उन्होंने केंद्रीय समाज सेवा समिति का गठन किया था। इस समिति के माध्यम से इटावा, मैनपुरी, कन्नौज सहित आसपास के इलाकों में मृत्युभोज, दहेज एवं नशा सेवन का खुलकर विरोध किया गया था। अब मृत्युपरांत भोज की जगह पर शांति पाठ का आयोजन किया जाता है।