ब्राह्मण Brahmin व अति पिछड़ों most backward class को मिल सकती है तरजीह
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
मोदी मंत्रिमंडल के साथ-साथ अब योगी मंत्रिमंडल Yogi Cabinet के विस्तार की भी चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि योगी मंत्रिमंडल Yogi Cabinet का अंतिम विस्तार अगले कुछ महीने में हो जाएगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव UP assembly election में अब केवल डेढ़ साल बचे हैं। ऐसे में चुनाव से पहले रूठों को मनाने का भी यह अंतिम दाव माना जा रहा है। मंत्रिमंडल cabinet में शामिल होने के लिए एक बार फिर से विधायक अपने आकांओं के दरबार में हाजिरी लगाना शुरू कर दिए हैं।
बता दें कि पिछले एक महीने में योगी मंत्रिमंडल के दो वरिष्ठ मंत्रियों कमल रानी वरुण एवं चेतन चौहान की कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया। फिलहाल योगी सरकार में मंत्रियों की संख्या 54 रह गई है। अर्थात अत: योगी मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
ब्राह्मणों को संतुष्ट करने की होगी कोशिश:
चूंकि फिलहाल प्रदेश में योगी सरकार से ब्राह्मणों की नाराजगी की चर्चा जोरों पर है। ऐसे में ब्राह्मणों को संतुष्ट करने के लिए इन 6 नए चेहरों में से एक या दो चेहरे ब्राह्मण समाज से लिए जा सकते हैं। हालांकि फिलहाल योगी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर मंत्रिमंडल में ठाकुरों के बाद सर्वाधिक ब्राह्मण मंत्री हैं।
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अति पिछड़ा वर्ग पर विशेष फोकस:
रणनीति के तहत बीजेपी का फोकस अति पिछड़ा वर्ग पर है। दिवंगत समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा की जगह गोरखपुर के बीजेपी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश निषाद को राज्यसभा में भेज कर बीजेपी ने अपना एजेंडा क्लियर कर दिया है। इसके अलावा बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के विधानसभा क्षेत्र घोसी से डॉ.शकुंतला चौहान को प्रदेश संगठन में शामिल करके संदेश दे दिया गया है। अत: माना जा रहा है कि नए चेहरों में अति पिछड़ा वर्ग के विधायकों को मौका मिलेगा।
नॉन जाटव को मिलेगा मौका:
मंत्रिमंडल में नॉन-जाटव को भी मौका मिलेगा। चूंकि कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण दलित समाज से थीं। अत: उनके निधन से रिक्त सीट पर किसी दलित चेहरे को मंत्री बनाया जाएगा।
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ठाकुर वर्ग को भी मिलेगा मौका:
योगी मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार भी किसी ठाकुर चेहरे को मौका मिलेगा। चूंकि चेतन चौहान ठाकुर समाज से थें। उनके निधन से रिक्त सीट पर किसी ठाकुर चेहरे को ही मौका दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बार पूर्वांचल से आने वाले एमएलसी यशवंत सिंह की लाटरी निकल सकती है। वैसे पिछले साल योगी मंत्रिमंडल के विस्तार में भी यशवंत सिंह की चर्चा जोरों पर थी।
कुर्मी-कोयरी, यादव को मौका मिलने की कम संभावना:
स्वतंत्रदेव सिंह ने अपनी टीम में मात्र एक कुर्मी व एक कोयरी समाज व एक यादव समाज के पदाधिकारी को शामिल किया है। इससे साफ जाहिर होता है कि योगी सरकार व प्रदेश बीजेपी प्रदेश की मजबूत एवं आबादी वाली इन पिछड़ी जातियों को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है।
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