अनूप सिंह, सीतापुर
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे सीतापुर ऐसी संसदीय सीट है, जहाँ न तो हिंदू राजनीति का खेल चलता है और न ही मुस्लिम या OBC कार्ड चलता है। यहाँ कभी भी पासा पलट सकता है। राज्य में किसी भी सीट पर एक नेता 2-3 बार से ज्यादा आसानी से वापसी कर सकता है लेकिन ये खेल सीतापुर में फेल हो जाता है। इस सीट पर अब तक राजेंद्र कुमारी वाजपेयी ही जीत की हैट्रिक लगा पाईं हैं। हालांकि भाजपा नेतृत्व ने इस बार भी पिछड़ी जाति से आने वाले राजेश वर्मा पर भरोसा जताया है, लेकिन देखना यह है कि राजेश वर्मा तीसरी बार लगातार जीत की हैट्रिक बना पाते हैं!
बता दे कि सीतापुर की जनता ने सभी दलों को मौका दिया है। इसी कारण यहां कोई भी नेता ज्यादा समय तक टिक नहीं पाता है। यहां की जनता सभी नेताओं को पढ़ती- समझती है उसके बाद वोट देकर अपना फैसला सुनाती है।
लोकसभा चुनाव में हर बार यहां की जनता राजनेताओं का खेल पलट देती है। इसलिए सीतापुर में राजनीति करने वाली पार्टियां भी फूंक-फूंक कर कदम रखती है।
कांग्रेस और BJP में होती है कड़ी टक्कर
सीतापुर लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। कभी कांग्रेस, जनसंघ तो कभी BJP, सपा- बसपा को अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिला। लेकिन कोई भी इस सीट पर लंबे समय तक मैदान में नहीं टिक पाया। 5 विधानसभा क्षेत्रों वाले लोकसभा क्षेत्र सीतापुर की राजनीति समय-समय पर करवट लेती रही है। लोकसभा के 17 चुनावों में सिर्फ कांग्रेस की राजेंद्र कुमारी वाजपेयी को ही तीन चुनाव लगातार जीतने में सफलता मिली। उन्होंने वर्ष 1980, 1984 और 1989 के चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई। इसके अलावा BJP के वर्तमान सांसद राजेश वर्मा को भी 4 बार इस क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का मौका मिला है। देश को आजादी मिलने के बाद 1952 में सीतापुर में पहली बार कांग्रेस की उमा नेहरू ने वर्ष 1952 व 1957 में चुनाव जीता।
कुछ ऐसा रहा सीतापुर का इतिहास –
साल सांसद पार्टी
1952 उमा नेहरु कांग्रेस
1957 उमा नेहरु कांग्रेस
1962 सूरजलाल वर्मा जनसंघ
1967 शारदानंद जनसंघ
1971 जगदीश चंद्र दीक्षित कांग्रेस
1977 हरगोविंद वर्मा जनता पार्टी
1980 राजेंद्र कुमारी वाजपेयी कांग्रेस
1984 राजेंद्र कुमारी वाजपेयी कांग्रेस
1989 राजेंद्र कुमारी वाजपेयी कांग्रेस
1991 जनार्दन मिश्र भाजपा
1996 मुख्तार अनीस सपा
1998 जनार्दन मिश्र भाजपा
1999 राजेश वर्मा बसपा
2004 राजेश वर्मा बसपा
2009 कैसर जहां बसपा
2014 राजेश वर्मा भाजपा
2019 राजेश वर्मा भाजपा