चकिया में “अभिव्यक्ति 2025” ने दिखाया—शिक्षा जब किताबों से बाहर निकलती है
यूपी 80 न्यूज़, चकिया (चंदौली)
जब स्कूल का मंच बच्चों के लिए केवल प्रस्तुति स्थल नहीं, बल्कि खुद को पहचानने की पहली सीढ़ी बन जाए तब समझिए शिक्षा सही दिशा में आगे बढ़ रही है। Silver Bells School का वार्षिकोत्सव “अभिव्यक्ति 2025” कुछ ऐसा ही दृश्य रच गया, जहाँ तालियों की गूंज से ज्यादा महत्वपूर्ण था बच्चों के चेहरे पर उभरता आत्मविश्वास।

यह कार्यक्रम न तो केवल रंगीन रोशनी और नृत्य-संगीत तक सीमित रहा, न ही सिर्फ मेधावी छात्रों के सम्मान का औपचारिक आयोजन था। असल मायने में यह मंच बच्चों की सोच, संवेदना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उत्सव बनकर सामने आया।

दीप प्रज्वलन और माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष नमन के साथ शुरू हुए इस आयोजन ने शुरुआत में ही यह संकेत दे दिया कि यहां शिक्षा को अंक और परीक्षा से आगे ले जाकर संस्कारों से जोड़ा जा रहा है। मंच पर जब बच्चों ने आत्मविश्वास के साथ अपनी प्रस्तुतियाँ दीं, तो यह साफ महसूस हुआ कि यह अभ्यास महीनों की मेहनत, शिक्षकों के मार्गदर्शन और अभिभावकों के भरोसे का परिणाम है।

कार्यक्रम के दौरान लगभग दस प्रस्तुतियाँ एक के बाद एक सामने आईं, लेकिन खास बात यह रही कि कोई भी प्रस्तुति “औपचारिक” नहीं लगी। नन्हे बच्चों के नृत्य में जहां मासूम उत्साह झलका, वहीं चंद्रगुप्त मौर्य पर आधारित नाटक में इतिहास के साथ जिम्मेदारी और नेतृत्व का भाव साफ दिखा। यह नाटक केवल अभिनय नहीं था, बल्कि यह बताने का प्रयास था कि आने वाली पीढ़ी अपने अतीत को समझते हुए भविष्य गढ़ने को तैयार है।
छात्रों के सम्मान के समय मंच पर मौजूद उपजिलाधिकारी विनय कुमार मिश्र, नगर पंचायत चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव, विद्यालय प्रबंधन और अन्य अतिथियों के शब्दों से ज्यादा असर उन बच्चों की चमकती आंखों ने छोड़ा, जो पहली बार सार्वजनिक मंच पर पहचान पा रहे थे। अभिभावकों के लिए यह क्षण सिर्फ गर्व का नहीं, भरोसे का भी था—कि उनका बच्चा सही दिशा में बढ़ रहा है।
कार्यक्रम को देखने से यह भी स्पष्ट हुआ कि Silver Bells Convent School खुद को “परीक्षा-केंद्रित” संस्था तक सीमित नहीं रखता। यहां बच्चों को बोलने, सोचने, मंच पर खड़े होने और अपनी बात कहने का साहस सिखाया जा रहा है। यही साहस आगे चलकर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाएगा।
कार्यक्रम में मौजूद शिक्षाविदों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया, लेकिन असली नायक वे बच्चे रहे, जिन्होंने मंच से यह संदेश दिया कि चकिया की नई पीढ़ी सिर्फ पढ़-लिख नहीं रही—वह खुद को गढ़ भी रही है।
“अभिव्यक्ति 2025” एक कार्यक्रम भर नहीं था, यह उस भविष्य की झलक थी जो अनुशासन, रचनात्मकता और आत्मविश्वास के मजबूत आधार पर खड़ा हो रहा है। चकिया में शिक्षा की यह तस्वीर उम्मीद जगाती है कि आने वाला कल सुरक्षित हाथों में है।
इसके पश्चात विद्यालय के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी चकिया विनय कुमार मिश्र, विशिष्ट अतिथि नगर पंचायत चकिया के चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव, विद्यालय के चेयरमैन प्रभात जायसवाल, प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ जायसवाल तथा भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती सुषमा जायसवाल ने संयुक्त रूप से छात्रों को प्रमाण पत्र एवं शील्ड प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया। मंच से जब बच्चों के नाम पुकारे गए, तो तालियों की गूंज के बीच अभिभावकों का गर्व साफ झलकता नजर आया।
इस अवसर पर प्रो. संगीता सिन्हा, डॉ. विवेक प्रताप सिंह, रमेश चंद्र भगत सहित उपस्थित शिक्षाविदों, गणमान्य नागरिकों, अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम की गरिमा को और ऊंचाई प्रदान की।










