Sardar Patel had said, “When the farmer is happy, I will understand that my life has succeeded.”
यूपी80 न्यूज, 15 दिसंबर
“दुनिया का आधार किसान Farmer और मजदूर worker हैं। फिर भी सबसे ज्यादा जुल्म कोई सहता है, तो यह दोनों ही सहते हैं। क्योंकि दोनों बेजुबान होकर अत्याचार सहन करते हैं।” लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल ने किसानों और मजदूरों की दयनीय स्थिति पर यह बात कही थी। उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक प्रेम सागर पटेल द्वारा संपादित ‘सरदार पटेल – एक जननायक’ नामक पुस्तक में इसका उल्लेख किया गया है।
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पुस्तक के अनुसार सरदार पटेल ने कहा था,
“मैं किसान हूं, किसानों के दिल में घुस सकता हूं, इसलिए उन्हें समझता हूं कि उनके दु:ख का कारण यही है कि वे हताश हो गए हैं और यह मानने लगे हैं कि इतनी बड़ी हुकूमत के विरुद्ध क्या हो सकत है? सरकार के नाम पर एक चपरासी आकर उन्हें धमका जाता है। गालियां दे जाता है और बेगार करा लेता है।”
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किसानों की दयनीय स्थिति पर सरदार पटेल कितने दु:खी थी, इसका वर्णन करते हुए पटेल ने कहा था,
“किसान डरकर दु:ख उठाये और जालिम की लातें खाये, इससे मुझे शर्म आती है और मैं सोचता हूं कि किसानों को गरीब और कमजोर न रहने देकर सीधे खड़े करूं और ऊंचा सिर करके चलने वाला बना दूं। इतना करके मरूंगा तो अपना जीवन सफल समझूंगा।”