लोकसभा चुनाव में संजय सिंह को महज 41681 वोट मिलें
लखनऊ, 30 जुलाई
कहते हैं कि डूबती नाव की सवारी कोई नहीं करना चाहता है। इन दिनों उत्तर प्रदेश का राजनीतिक माहौल भी कुछ ऐसा ही हो गया है। विपक्ष के अधिकांश बड़े नेता भाजपा की शरण में आने को बेताब हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। संजय सिंह बुधवार को भाजपा में शामिल होंगे। हालांकि संजय सिंह पहले भी कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा के खेमे में आ चुके हैं। बता दें कि एक सप्ताह पहले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र एवं समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद नीरज शेखर भी सपा से इस्तीफा देते हुए भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
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संजय सिंह फिलहाल असम से राज्यसभा सांसद थे। मध्य उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर, रायबरेली और अमेठी में इनकी अच्छी पकड़ है। हालांकि इस बार सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से इन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और बुरी तरह से चुनाव हार गए थे। आलम यह था कि चुनाव में इन्हें महज 41681 वोट ही मिले, जबकि यहां से विजेता रहीं मेनका गांधी को 459 हजार और दूसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी चंद्रभद्र सिंह को 444 हजार वोट मिले।
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संजय सिंह को कभी गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता था। इसी वजह से कांग्रेस ने इन्हें असम से राज्यसभा सांसद बनाया।
इस्तीफा के मौके पर संजय सिंह ने कहा है कि कांग्रेस अभी भूतकाल में है। वह भविष्य से अंजान है। आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है। यदि पूरा देश पीएम के साथ है तो मैं भी उनके साथ हूं।