यूपी 80 न्यूज़, बेल्थरा रोड
देश की आजादी के लिए प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों की स्मृति में चरौंवा बलिदान दिवस मनाया गया। रविवार को चरौंवा स्थित शहीद स्मारक पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर शहीद मेला का भी आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सेनानी राम विचार पांडेय ने कहा कि चरौंवा को जो गौरव प्राप्त होना चाहिए वह उसे नहीं मिला। शहीद दिवस पर उपस्थित अतिथियों को ग्राम प्रधान देवेन्द्र यादव ने अंग वस्त्र से सम्मानित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ शहीद स्मारक पर झंडारोहण कर किया गया। शहीद स्मारक समिति के अध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह व मुख्य अतिथि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम विचार पाण्डेय ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया। झंडारोहण होते ही पूरा पंडाल इंकलाब जिंदाबाद व भारत माता की जय के नारों से गूंज गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि देश की आजादी में अपनी कुर्बानी देने वाले बलिदानियों को तभी सच्ची श्रद्धांजलि होगी जब हम उनके पदचिन्हों पर चलेंगे।
वहीं, पूरे जिले के बलिदानियों की वीर गाथा सुनाते हुए कहा कि अब हमें संकल्प लेना होगा कि आगे इस शहीद दिवस का भव्य आयोजन हो। सेनानी राम विचार पांडेय ने कहा कि चरौवा गांव में 25 अगस्त 1942 को अंग्रेजो के गोलियों से नर- नारी ही नहीं बल्कि पशुओं ने भी अपनी शहादत दी थी। कन्हैया सिंह, मंगला सिंह, शिवशंकर सिंह, खरबियार और मकतुलिया मालिन ने देश रक्षा में हँसते हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। पूर्व विधायक धनंजय कनौजिया ने कहा कि आज 1942 के बलिदानियों की आत्मा को शांति मिली होगी। कहा कि सूबे की सरकार द्वारा क्षेत्र के आधा दर्जन शहीद स्मारक की बदहाल स्थिति को सुधारने व सुंदरीकरण का कार्य किया गया। जय प्रकाश सिंह ने कहा कि चरौवां के शहीदों ने 1942 में कैप्टन मूर के नाकों चना चबाने को मजबूर कर दिया था। गांव की महिला मकतुलिया मालिन ने हांडी से कैप्टन मूर का सर फोड़ दिया था। आज हम सभी को शहीदों को नमन करते हुए अपनी युवा पीढ़ी को भी आजादी के दीवानों के इतिहास को बताना चाहिए। सबसे बड़ी भक्ति कोई है तो वह देश भक्ति है।
इस दौरान ग्राम प्रधान देवेंद्र यादव, विनोद यादव, नंदा जी, अरशद हिंदुस्तानी, चंद्र भूषण मिश्रा, परमानंद प्रसाद, सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे। अध्यक्षता चरौवा शहीद स्मारक के अध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह व संचालन श्याम नारायण ने की। चरौंवा बलिदान दिवस पर किसी वर्तमान जनप्रतिनिधि व पुलिस प्रशासन की अनुपस्थिति आश्चर्यजनक रही। मुख्य अतिथि इसको लेकर खिन्न नजर आए।