मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही है देरी, जीतनराममांझी को एनडीए में शामिल कर सकते हैं नीतीश कुमार Nitish Kumar !
Nitish Kumar is angry with Chirag Paswan, delay in Modi cabinet expansion
यूपी80 न्यूज, पटना
बिहार विधानसभा चुनाव Bihar Assembly Election के महज 5 महीने शेष रह गए हैं लेकिर सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए NDA के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान Chirag Paswan के बार-बार के आक्रामक तेवर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Nitish Kumar खफा हैं। आलम यह है कि 5 जुलाई को एलजेपी LJP के संस्थापक एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के जन्मदिन पर जहां एनडीए के अधिकांश नेताओं ने सुबह-सुबह सोशल मीडिया पर बधाई दी, वहीं नीतीश कुमार ने देर शाम सोशल मीडिया पर बधाई दी। अर्थात सीटों के बंटवारे को लेकर बिहार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कहने वाले तो यह भी कह रहे हैं कि बिहार चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi मंत्रीमंडल का विस्तार तो चाहते हैं, लेकिन बिहार विधानसभा की सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू JDU का पेंच अड़ा हुआ है। अर्थात जब तक सीट शेयरिंग का मामला नहीं सुलझेगा, तब तक केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी हो सकती है। बता दें कि मोदी कैबिनेट में यूपी-बिहार से कई चेहरों को शामिल करना है। हालांकि दूसरी ओर महागठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर अंदर-खाने खूब राजनीति हो रही है।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे और राज्यपाल कोटे से मनोनित होने वाले 12 एमएलसी की सीटों में हिस्सेदारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाने के लिए चिराग पासवान बार-बार हमलावर हैं। लेकिन जेडीयू फिलहाल चिराग पासवान को ज्यादा भाव देने के मूड में नहीं है। जानकारी के अनुसार बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से
40 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए चिराग पासवान दबाव बना रहे हैं। इसी तरह बीजेपी BJP भी लोकसभा LOKSABHA चुनाव परिणाम के मद्देनजर सीटों का बंटवारा चाहती है, जबकि जेडीयू बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के आधार पर सीटों का बंटवारा चाहती है।
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एमएलसी सीटों को लेकर फंसा पेंच:
विधानसभा सीटों के अलावा राज्यपाल कोटे से मनोनित होने वाले 12 विधान परिषद सदस्यों MLC में से 2 सीटें एलजेपी LJP चाहती है, जबकि जेडीयू JDU व बीजेपी BJP इनमें एलजेपी LJP को हिस्सेदारी देने के मूड में नहीं हैं।

डिप्टी सीएम अथवा मोदी कैबिनेट में जगह चाहते हैं चिराग:
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चिराग पासवान Chirag Paswan केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह अथवा बिहार में उपमुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इन्हीं वजहों से अपने अक्रामक तेवरों से दबाव बना रहे हैं। बता दें कि पिछले साल मोदी 2.0 मंत्रीमंडल गठन के दौरान ही रामविलास पासवान अपनी जगह बेटे चिराग पासवान को कैबिनेट में लाना चाहते थें, लेकिन चिराग को मोदी मंत्रिमंडल Modi Cabinet में शामिल नहीं किया गया।
चिराग के बयानबाजी से उखड़े हैं नीतीश कुमार:
बिहार के सिवान निवासी पत्रकार राकेश कुमार सिंह कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चिराग पासवान के आए दिन हमलावर रूख से जेडीयू अंदर खाने नाराज है। हालांकि अभी जेडीयू की तरफ से एलजेपी पर किसी तरह का हमला तो नहीं किया गया, लेकिन यदि चिराग इसी तरह हमलावर रहें तो नीतीश कुमार बड़ा कदम उठा सकते हैं।

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जीतन राम मांझी एनडीए में हो सकते हैं शामिल:
राकेश सिंह यह भी कहते हैं कि भले ही लोक जनशक्ति पार्टी बिहार में खुद को दलित Dalit समाज का सबसे बड़ा हितैषी मानती हो और सीटों की हिस्सेदारी को लेकर नीतीश कुमार के खिलाफ आए दिन बयान दे रहे हैं। लेकिन इसके उलट महादलित समाज से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी Jitan Ram Manjhi आए दिन नीतीश कुमार की प्रशंसा कर रहे हैं। चिराग पासवान को समझ जाना चाहिए। अर्थात चिराग पासवान के विकल्प के तौर पर जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार कभी भी अपने खेमे में ला सकते हैं।
राकेश कुमार कहते हैं कि आज भी बिहार में अति पिछड़ा OBC और महादलित Mahadalit समाज में नीतीश कुमार की सर्वाधिक पैठ है। प्रदेश के अति पिछड़ा समाज other backward clasess से आने वाले सर्वाधिक 6 सांसद जेडीयू से हैं। इसके अलावा सवर्ण समाज में भी नीतीश कुमार की अच्छी छवि है। फिलहाल बिहार में नीतीश कुमार के टक्कर का कोई नेता नहीं है।

तेजस्वी यादव से मुलाकात:
नीतीश कुमार की राजनीतिक दाव को अच्छे-अच्छे रणनीतिकार समझने में मात खा जाते हैं। कुछ महीने पहले उन्होंने तेजस्वी यादव Tejashwi Yadav से बंद कमरे में मुलाकात कर बीजेपी को भी सावधान कर दिया है। खास बात यह है कि उस मुलाकात के बाद बीजेपी के नेताओं का बयान बंद हो गया। अब तो बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी खुले तौर पर नीतीश कुमार को अपना नेता स्वीकार कर चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री एवं बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी नीतीश कुमार से एक दौर की मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में अब देखना यह है कि आने वाले समय में चिराग का रूख ठंडा पड़ता है या और तेज होता है !
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