यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
अंतरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला डे के अवसर पर भारत रत्न एवं अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय नेल्सन मंडेला की 106 वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में वैश्विक परिदृश्य में सामाजिक न्याय विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जेएनयू के साउथ अफ्रीकन सेंटर के पूर्व शोध छात्र रहे डॉ. अनूप पटेल ने अपने विचार रखे।
अनूप पटेल ने बताया कि कैसे नेल्सन मंडेला एक जमींदार परिवार में जन्मे और युवावस्था में मार्क्सवादी विचार धारा से प्रेरित होकर उन्होंने तुर्की, मॉरक्को, लीबिया और चीन आदि देशों का दौरा कर अफ्रीका में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सशस्त्र आंदोलन के लिए संघर्षरत रहे।
उन्होंने बताया कि एक दौर आया जब पंडित जवाहर लाल नेहरू के एग्रेसिव समाजवाद से प्रेरित होकर नेल्सन मंडेला जवाहर लाल नेहरू को अपना आदर्श मानने लगे और अपने जीवन के 27 साल अफ्रीका की जेलों में कठोर कारावास में रहे। उन्होंने बताया कि मंडेला ने एक बार राष्ट्रपति बनने के बाद दुबारा राष्ट्रपति का पद ठुकरा दिया और अपने जीवन के अंतिम समय तक विश्व में अफरमेटिव एक्शन और सोशल जस्टिस के लिए लड़ते रहे।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के संगठन महासचिव अनिल यादव ने बताया कि नेल्सन मंडेला समतामूलक समाज के प्रणेता और रंगभेद और गैर बराबरी के विरोध का स्वर हैं। उन्होंने बताया की इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति के दौर में नेल्सन मंडेला के संघर्षों के गानों को कैंपस में गया और सुना जाता था, जिससे छात्रों और छात्र नेताओं को व्यवस्था के खिलाफ़ लड़ने में प्रेरणा मिलती थी।
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि नेल्सन मंडेला से हमे समाज की विभाजनकारी शक्तियों से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया की जिस तरीके से गांधी और नेहरू जैसे नेता ने अंग्रेजों और तत्कालीन समाज को तोड़ने वाली शक्तियों के खिलाफ़ बेखौफ होकर लड़ रहे थे, उसी प्रकार नेल्सन मंडेला अफ्रीका में अंग्रेजों और समाज की विभाजनकारी शक्तियों से लड़ रहे थे, जिस कारण अफ्रीका में सम्मान से मंडेला को मदीबा कहा जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने की और कहा कि हम आज इस पुनीत दिन पर ऐसे महा विभूति को याद कर अभिभूत हैं।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. श्रवण गुप्त ने किया और प्रो. ध्रुव त्रिपाठी, डा अमित राय, डा धुरंधर यादव, रॉबिन वर्मा, मुरली मनोहर, विजय दीक्षित, शैलेंद्र यादव, एडवोकेट उमैर, अरविंद यादव, प्रो. मनीष हिंदवी, डा विकास, चेतन, लालू कनौजिया, दिलीप पटेल, दिन दयाल, फैसल, हम्माम, शमशेर आदि मौजूद रहे।