मीरजापुर, 31 मार्च
मीरजापुर की आम जनता, व्यापारियों और कारोबारियों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। केंद्रीय मंत्री एवं जनपद की लोकप्रिय सांसद अनुप्रिया पटेल के विशेष प्रयास से मीरजापुर को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। देश में निर्यात उत्कृष्टता के 39 मौजूदा शहरों में मीरजापुर सहित 4 नए शहरों को निर्यात उत्कृष्टता शहरों (टीईई) की सूची में शामिल किया गया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए श्रीमती पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
आज विंध्य नगरी मीरजापुर के लोगों के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि यह जनपद आज नई विदेश व्यापार नीति के तहत टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सिलेंस घोषित किया गया है। इससे यहां के हस्तनिर्मित कालीन और दरी उद्योग को नई ऊंचाईयां मिलेंगी। इस उद्योग के माध्यम से मीरजापुर का नाम देश ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों तक पहुंचेगा।
मंत्रालय ने शुक्रवार को नई विदेश व्यापार नीति 2023 के तहत देश के 4 नए निर्यात उत्कृष्टता शहरों की घोषणा की है, जिसमें मीरजापुर को हस्तनिर्मित कालीन और दरी के लिए राउंड ऑफ एक्सपोर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा फरीदाबाद को परिधान, मुरादाबाद को हस्तशिल्प व वाराणसी को हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद के लिए शामिल किया गया है। बता दें कि टीईटी ऐसे औद्योगिक समूह होते हैं, जिन्हें उनके निर्यात के आधार पर मान्यता प्रदान की जाती है। इसके तहत संबंधित शहर के कारोबारियों को आर्थिक विकास हेतु प्रोत्साहन दिया जाता है। औद्योगिक समूहों की क्षमता का अधिकतम उपयोग करने, मूल्य श्रंखला और नवीन बाजारों का विकास करने के उद्देश्य से यह मान्यता प्रदान की जाती है।
मीरजापुर को चार नए निर्यात उत्कृष्टता वाले शहरों में शामिल किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा,
“मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि मेरा संसदीय क्षेत्र भी आज विदेश व्यापार नीति 2023 के तहत घोषित किए गए चार नए निर्यात उत्कृष्टता वाले शहरों (फरीदाबाद (वस्त्र), मुरादाबाद (हस्तशिल्प), मीरजापुर (हाथ से बुना कॉरपेट और दरी) एवं वाराणसी (हथकरघा और हस्तशिल्प) में से एक है।)”
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का कहना है कि टीईई स्कीम में शामिल होने से मीरजापुर में कालीन व दरी उद्योग को नए बाजार उपलब्ध कराने, उद्योग को विस्तार देने और शहर में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों की विश्वसनीयता भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी। इसके अलावा उद्योग को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने में आसानी होगी। साथ ही, इस महत्वपूर्ण उद्योग को प्राथमिकता के आधार पर बाजार उपलब्ध कराने, स्कीम के तहत विपणन, निर्माण व औद्योगिक सेवाओं के लिए निर्यात प्रोत्साहन परियोजनाओं हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न व्यापार प्रदर्शनियों एवं मेलों में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।