यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के गोंडा Gonga संसदीय सीट से तीसरी बार लगातार जीतने वाले कीर्तिवर्धन सिंह Kirtivardhan Singh को इस बार बड़ा ईनाम मिला है। उन्हें मोदी कैबिनेट Modi cabinet में विदेश राज्य मंत्री External Affairs Minister की जिम्मेदारी मिली है। कीर्तिवर्धन सिंह गोंडा से पांचवीं बार सांसद चुने गए हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कीर्तिवर्धन सिंह को यह ईनाम समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा Beni Prasad Verma की पोती श्रेया वर्मा Shreya Verma को हराने एवं कैसरगंज के पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह Brajbhushan Sharan Singh के समानांतर दूसरे ठाकुर नेता के तौर पर स्थापित करने के तौर पर मिला है।
चूंकि बेनी प्रसाद वर्मा ने 2009 में गोंडा सीट पर कीर्तिवर्धन सिंह को हराकर कांग्रेस से सांसद निर्वाचित हुए थे। इसके पश्वात उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में इस्पात मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। हालांकि 2014 के मोदी लहर में गोंडा में कीर्तिवर्धन सिंह पुन: सांसद निर्वाचित हुए और बेनी प्रसाद वर्मा की करारी हार हुई। वह चौथे स्थान पर चले गए। कीर्तिवर्धन सिंह 2014 से लगातार सांसद निर्वाचित हो रहे हैं। उन्होंने 1998 में केतकी सिंह Ketaki Singh को हराकर समाजवादी पार्टी से पहली बार सांसद निर्वाचित हुए थे। 2004 में भी कीर्तिवर्धन सिंह ने भाजपा प्रत्याशी ब्रजभूषण शरण सिंह को हराकर सांसद निर्वाचित हुए।
इस बार कीर्तिवर्धन सिंह का सामना बेनी प्रसाद वर्मा की पोती एवं सपा प्रत्याशी श्रेया वर्मा से हुआ। यह चुनाव काफी दिलचस्प रहा। गोंडा की पांच सीटों पर भाजपा का कब्जा होने के बावजूद कीर्तिवर्धन सिंह महज 46224 वोटों से ही जीत हुई। कीर्तिवर्धन सिंह को 2019 की अपेक्षा इस बार कम वोट मिले। उन्हें 2019 में 508190 वोट मिले थे और सपा के पंडित सिंह को 341830 वोट मिले। जबकि इस बार कीर्तिवर्धन सिंह को 474258 वोट ही मिले।
ब्रजभूषण शरण सिंह के समानांतर कीर्तिवर्धन सिंह:
भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने ब्रजभूषण शरण सिंह के समानांतर उसी क्षेत्र से अन्य ठाकुर नेता को राष्ट्रीय फलक पर आगे बढ़ाने की रणनीति पर चलते हुए कीर्तिवर्धन सिंह को केंद्र में मंत्री बनाया है। चूंकि महिला पहलवानों से ब्रजभूषण शरण सिंह के विवाद को लेकर मोदी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। तराई क्षेत्र में ब्रजभूषण सिंह के दबदबे को देखते हुए मोदी सरकार ब्रजभूषण सिंह को साइड भी नहीं कर पा रही थी। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में कैसरगंज की सीट पर सबसे बाद में प्रत्याशी की घोषणा की गई। मजे की बात यह है कि भाजपा नेतृत्व ने भले ही ब्रजभूषण सिंह का टिकट काट दिया, लेकिन टिकट किसी अन्य को देने की बजाय ब्रजभूषण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को दिया गया और इस चुनाव में ब्रजभूषण सिंह का दूसरा बेटा करण सिंह भी स्थापित हो गया। गोंडा सदर से ब्रजभूषण सिंह का एक पुत्र प्रतीक भूषण सिंह विधायक है।
वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कुमार कहते हैं कि ठाकुर समाज की नाराजगी दूर करने एवं गोंडा क्षेत्र में ब्रज भूषण शरण सिंह के प्रभाव को कम करने के लिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने कीर्तिवर्धन सिंह को मंत्री बनाया है।
कीर्तिवर्धन सिंह के पिता भी चार बार सांसद रहे:
कीर्तिवर्धन सिंह के पिता आनंद सिंह भी गोंडा से चार बार सांसद रहे। आनंद सिंह 1971 में कांग्रेस से पहली बार सांसद बने। कीर्तिवर्धन सिंह ने पांचवीं बार सांसद बनकर अपने ही पिता का रिकार्ड तोड़ा है।