यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
यूपी की 28 लोकसभा सीटों पर ऐसे प्रत्याशी हैं जो जीत की हैट्रिक लगाने खातिर जी-जान से जुटे हैं। ‘एनडीए’ की इस होड़ में ब्रेक लगाने का चैलेंज ‘इंडिया’ गठबंधन ने लिया है। अब मतदाता किस पर मेहरबान होते हैं, यह तो 4 जून को पता चलेगा। इस बार चुनौतियां अधिक हैं और समीकरण भी पहले जैसे नहीं हैं बल्कि बदले हैं। इनमें कई सीटें ऐसी हैं, जहां पर अभी तक कोई भी हैट्रिक नहीं लगा सका है। जीत की हैट्रिक के लिए मैदान में उतरने वाले सभी प्रत्याशी भाजपा से हैं। इनमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, डा. महेंद्र नाथ पांडेय, अनुप्रिया पटेल जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इन सीटों पर भाजपा नेता 2014 से लगातार जीत रहे हैं।
इन सीटों पर हैट्रिक के लिए भाजपा नेता कर रहे हैं संघर्ष:
वाराणसी से नरेंद्र मोदी, लखनऊ से राजनाथ सिंह, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, मिर्जापुर से अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल, सलेमपुर से रविंद्र कुशवाहा, गौतमबुद्ध नगर से डा. महेश शर्मा, बुलंदशहर से भोला सिंह, अलीगढ से सतीश कुमार गौतम, मथुरा से हेमा मालिनी, आंवला से धर्मेन्द्र कश्यप, खीरी से अ
जय मिश्रा टेनी, धौरहरा से रेखा वर्मा, सीतापुर से राजेश वर्मा, उन्नाव से साक्षी महाराज, मोहनलालगंज से कौशल किशोर, सुल्तानपुर से मेनका गांधी, फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत, अकबरपुर से देवेन्द्र सिंह भोले, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा, हमीरपुर से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, फ़तेहपुर से निरंजन ज्योति, कौशांबी से विनोद सोनकर,
फैजाबाद से लल्लू सिंह, गोंडा से कीर्ति वर्धन सिंह, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल, बस्ती से हरीश द्विवेदी, महाराजगंज से पंकज चौधरी, बांसगांव से कमलेश पासवान तीसरी बार प्रत्याशी हैं। राजनाथ सिंह व मेनका गांधी हैट्रिक लगा चुकी हैं, लेकिन सीटें बदली थी।
राजनाथ सिंह और मेनका गांधी ऐसे प्रत्याशी हैं जो 2009 और उससे पहले भी सांसद थे। राजनाथ सिंह 2009 में गाजियाबाद से सांसद थे और पिछले दो बार से लखनऊ से सांसद हैं। मेनका गांधी 2009 में आंवला व 2014 में पीलीभीत और अब सुल्तानपुर से सांसद होने के साथ ही इसी सीट से प्रत्याशी भी हैं। 11 सीटें ऐसी हैं जहां पर अब तक हैट्रिक नहीं लगी है। इनमें से सलेमपुर, मिर्जापुर, आंवला, धौरहरा, गौतमबुद्धनगर, सुल्तानपुर, फर्रुखाबाद, अकबरपुर, फतेहपुर, कौशांबी, फैजाबाद ऐसी सीटें हैं जहां से आज तक कोई प्रत्याशी तीसरी बार नहीं जीता है। लगातार दो बार तक जीतने का ही रिकार्ड इन सीटों पर है। महाराजगंज से भाजपा सांसद व केंद्र सरकार में राज्यमंत्री पंकज चौधरी एकमात्र ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने जीत की हैट्रिक 1991, 1996 व 1998 में लगातार जीत दर्ज कर लगाई। 2014 व 2019 में लगातार दो बार फिर से सांसद चुने जा चुके हैं, इस चुनाव में भी जीते तो उनकी इस संसदीय क्षेत्र से दूसरी हैट्रिक होगी। मौजूदा भाजपा प्रत्याशी कमलेश पासवान पिछले तीन चुनावों में जीत का रिकार्ड बना चुके हैं। इस बार यह जीतते हैं तो इनकी चौथी जीत होगी। इनके लिए इस बार जीत की हैट्रिक का आशय जीत के साथ लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने से है। डुमरियागंज से भाजपा के प्रत्याशी व सांसद जगदंबिका पाल भी लगातार तीन जीत दर्ज कर चुके हैं। फर्क इतना है कि 2009 में वह कांग्रेस के प्रत्याशी थे और 2014 व 2019 में भाजपा के प्रत्याशी थे।