बाढ़ की वजह से हर साल गरीबों के कच्चे मकान ढह जाते हैं
यूपी80 न्यूज, फतेहपुर
फतेहपुर जनपद में यमुना एवं नोन नदी के रौद्र रूप से आसपास के लोग पलायन करने को मजबूर हैं। अमौली क्षेत्र के परसेढा, दपसौरा, मवई, रिठवां गांव के निचले हिस्से में रहने वाले सैकड़ों लोग अपना मकान खाली कर गाँव के टीले पर बने ग्रामीणों के मकानों में शरण ले चुके है। ग्रामीणों का कहना है कि इन गांवों में बने कच्चे मकानों का गिरना तय है। जिन्हें आज तक सरकार के द्वारा आवास मुहैया कराने जाने वाली पात्रता सूची पर नहीं जोड़ा गया। जबकि प्रत्येक वर्ष बाढ़ आने पर स्थानीय लोग परेशानी का सामना करते हैं।
परसेढा निवासी राजू पुत्र हजारी का मिट्टी से बना आवास है। राजू ने बताया कि प्रत्येक वर्ष यमुना का जलस्तर बढ़ता है और चंद दिनों की बाढ़ में मेरा आवास ढह जाता है। माँ, पत्नी व बच्चों के साथ आवास छोड़कर दूसरे के आवास में शरण लेते हैं और जलस्तर घटने के बाद फिर से आवास तैयार करते है। पात्र होने के बावजूद भी आज तक आवास नही मिल सका।

नोन नदी के पुलों से आवागमन बन्द:
यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से नोन नदी का भी जलस्तर बढ़ गया है। नदी पार कर जाने वाले कहिंजरा पुल, मरवाही डेरा पुल, औंरा निस्फी पुल के ऊपर से पानी चल रहा है, जिससे पूर्णतः आवागमन ठप हो गया है। कहिंजरा, भरसा, केवटरा, इटरा, एत्मादपुर, जारा, परसेढा, गन्गूपुर, बानीताला, दपसौरा, मरवाही डेरा, सिकंदरपुर, गौरी, अबाजीपुर, रिठवाँ, धाना, अयोध्या डेरा, जलिमडेरा, सहित कई गांवों व मजरों के लोगो को चाँदपुर से गौरी पुल होकर जाना पड़ रहा है।